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भक्ति और एकता का अनुपम संगम: देहरादून में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन

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देहरादून की पवित्र धरती पर आज भक्ति की गंगा बह रही है। क्लेमेंट टाउन के प्राचीन दुर्गा मंदिर से शुरू हुई एक भव्य कलश यात्रा ने पूरे शहर को आध्यात्मिक रंगों से सराबोर कर दिया। श्रीमद् भागवत सेवा जन कल्याण समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ इस यात्रा के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने उत्साह और श्रद्धा के साथ हिस्सा लिया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक चेतना को जागृत कर रहा है, बल्कि सामाजिक एकता और भक्ति का संदेश भी पूरे समुदाय में फैला रहा है।

सुबह की भक्ति, सड़कों पर उत्सव

जैसे ही सूरज की पहली किरण ने देहरादून को छुआ, क्लेमेंट टाउन की गलियां भक्तों के जयकारों से गूंज उठीं। पुरुषों ने सिर पर श्रीमद्भागवत ग्रंथ को सम्मान के साथ धारण किया, जबकि महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजी, माथे पर कलश लिए इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनीं। "हरे कृष्ण, हरे रामा" और "राधे-राधे" की मधुर भक्ति भजनों ने वातावरण को और भी रसमय बना दिया। यह यात्रा क्लेमेंट टाउन की तंग गलियों से निकलकर सुभाष नगर के सेठ पन्नालाल ग्राउंड तक पहुंची, जहां कथा का मुख्य आयोजन हो रहा है। भक्तों के चेहरों पर श्रद्धा की चमक और उत्साह की लहर देखते ही बन रही थी। यह दृश्य देहरादून की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि का जीवंत चित्र प्रस्तुत कर रहा था।

आचार्य पवन नंदन महाराज की प्रेरक कथा

इस ज्ञान यज्ञ का सबसे बड़ा आकर्षण है प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु आचार्य पवन नंदन महाराज का कथा वाचन। समिति के अध्यक्ष विनोद राई ने बताया कि यह कथा 27 अप्रैल से 4 मई तक हर दिन दोपहर 4 बजे से आयोजित होगी। आचार्य जी श्रीमद्भागवत के गहन रहस्यों को अपनी सरल और मनमोहक शैली में भक्तों तक पहुंचाएंगे। उनके प्रवचन न केवल भक्ति की राह को रोशन करेंगे, बल्कि जीवन के जटिल सवालों के जवाब भी प्रदान करेंगे। यह कथा स्थल आगामी दिनों में आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनेगा, जहां लोग अपने मन की शांति और आत्मिक उन्नति के लिए एकत्र होंगे।

शहीदों को श्रद्धांजलि, शांति की पुकार

इस भक्तिमय अवसर पर एक भावुक क्षण भी आया, जब भक्तों ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने एक स्वर में आतंकवाद के खात्मे और देश में शांति की प्रार्थना की। यह प्रार्थना न केवल शहीदों के प्रति सम्मान का प्रतीक थी, बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए एक संकल्प भी। भक्तों ने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की, ताकि देश में स्थायी शांति का सपना साकार हो सके।

सामुदायिक एकता का प्रतीक

इस आयोजन में समिति के कई प्रमुख सदस्य और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से इसे और गरिमामय बनाया। विनोद राई, नवीन जोशी, अभिषेक परमार, के. एन. लोहनी, गणेश, मालती राई, प्रमिला नेगी, कादंबरी शर्मा, तारा राई, ममता राई, रेखा यादव, दीपक गोसाई, धन सिंह फर्त्याल, राजेंद्र मंडोला, कैलाश भट्ट और प्रदीप राई जैसे व्यक्तियों ने सामुदायिक एकता और साझा आस्था को रेखांकित किया। उनकी भागीदारी ने इस आयोजन को सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

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