पीएम मोदी ने शनिवार, 11 अक्टूबर को किसानों के लिए एक और बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कृषि क्षेत्र में 35,440 करोड़ रुपये की दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का शुभारंभ किया, जो पूरे देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने, किसानों की कमाई में बढ़ोतरी करने और खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का काम करेगी।
नई योजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि आज 11 अक्टूबर का दिन बेहद खास है। आज भारत माता के दो महान सपूतों की जयंती है – भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न नानाजी देशमुख। ये दोनों ग्रामीण भारत की आवाज थे और लोकतांत्रिक क्रांति के अगुआ। वे किसानों और गरीबों के लिए हमेशा समर्पित रहे। आज इस स्पेशल दिन पर देश की आत्मनिर्भरता और किसानों के भले के लिए दो अहम योजनाओं की शुरुआत हो रही है।
मोदी ने बताया कि जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख ग्रामीण भारत के विकास के प्रतीक थे। आज लॉन्च की गई योजनाएं उनके सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना: 100 जिलों में नई दिशा
सरकार की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत देश के 100 जिलों में स्पेशल प्रोग्राम चलाए जाएंगे। इस योजना से कृषि उत्पादन में तेजी आएगी, किसानों को सस्ता कर्ज मिलेगा, सिंचाई सिस्टम मजबूत होगा, फसलों में विविधता आएगी और फसल मैनेजमेंट को आधुनिक बनाया जाएगा। कुल मिलाकर, इस योजना का मकसद खेती को सिर्फ जीने का साधन नहीं, बल्कि एक मुनाफे वाला बिजनेस बनाना है।
दालों में आत्मनिर्भरता के लिए छह वर्षीय मिशन
प्रधानमंत्री मोदी ने दालों के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 6 साल के “राष्ट्रीय दाल आत्मनिर्भर मिशन” की शुरुआत की। इस मिशन में 11,440 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले सालों में भारत दालों के आयात से छुटकारा पा ले और हर किसान को दाल उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
कृषि आधारभूत ढांचा और पशुपालन पर भी जोर
किसानों की जरूरतों को देखते हुए सरकार ने 3,650 करोड़ रुपये की “कृषि आधारभूत ढांचा फंड योजना” शुरू की है। इसके जरिए भंडारण, प्रोसेसिंग और लॉजिस्टिक्स जैसी सुविधाएं डेवलप की जाएंगी। साथ ही, पशुपालन के लिए 17 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई है, जिन पर 1,166 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनका मकसद दूध उत्पादन बढ़ाना, डेयरी इंडस्ट्री को बूस्ट देना और पशुधन की प्रोडक्टिविटी सुधारना है।
मत्स्य पालन और फूड प्रोसेसिंग को भी बढ़ावा
प्रधानमंत्री मोदी ने मत्स्य पालन योजना के लिए 693 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिससे मछली उत्पादन और जलीय खेती को रफ्तार मिलेगी। वहीं, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए 800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे किसानों को अपनी फसल का अच्छा दाम मिलेगा और ग्रामीण इलाकों में नए उद्योगों को ताकत मिलेगी।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना
सरकार प्राकृतिक खेती को किसानों के बीच पॉपुलर बनाने के लिए स्पेशल कैंपेन चला रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रासायनिक खादों पर कम निर्भरता से न सिर्फ मिट्टी की क्वालिटी बेहतर होगी, बल्कि खेती का खर्च घटेगा और किसानों का प्रॉफिट बढ़ेगा।
‘किसान सशक्त, भारत सशक्त’ – प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने स्पीच में कहा कि किसान भारत की आत्मा हैं। जब किसान मजबूत होगा, तो देश मजबूत होगा। आज शुरू की गई योजनाएं सिर्फ गवर्नमेंट स्कीम्स नहीं, बल्कि भारत के फ्यूचर की ब्लूप्रिंट हैं।
मोदी सरकार की ये नई कृषि योजनाएं किसानों के लिए एक पूरा डेवलपमेंट प्लान लेकर आई हैं। जहां उत्पादन बढ़ाने और मार्केट तक पहुंच आसान बनाने पर फोकस है, वहीं प्राकृतिक खेती, पशुपालन और मत्स्य पालन को भी बूस्ट दिया जा रहा है।
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