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Cooking Oils Heart Health : कुकिंग ऑयल से जुड़ा बड़ा खुलासा: इनसे हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा कई गुना

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Cooking Oils Heart Health : खाना पकाने का तेल हर रसोई का अहम हिस्सा है। हम अक्सर सोचते हैं कि ऑर्गेनिक या प्राकृतिक तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। कई बार यह साबित हो चुका है कि कुछ खाना पकाने के तेल दिल की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं और इनसे बचना जरूरी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इन तेलों में मौजूद कृत्रिम ट्रांस फैट और कुछ खास तत्व खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को कम करते हैं। नतीजा? हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले तेलों का खतरा

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन के मुताबिक, नारियल और ताड़ जैसे तेलों का इस्तेमाल खाना पकाने में करने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) का स्तर बढ़ सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों को जन्म देता है। इसके बजाय, सूरजमुखी या जैतून का तेल आपके दिल की सेहत के लिए ज्यादा बेहतर है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि परिष्कृत वनस्पति तेलों में मौजूद ओमेगा-6 फैटी एसिड का ज्यादा सेवन सूजन को बढ़ावा देता है, जो हृदय रोगों का एक बड़ा कारण बन सकता है। आज हम आपको ऐसे चार तेलों के बारे में बताएंगे, जिनसे बचना आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है।

मार्जरीन: ट्रांस फैट का खतरनाक स्रोत

मार्जरीन में ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो दिल के लिए बेहद खतरनाक है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार, ट्रांस फैटी एसिड का सेवन करने से कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी) का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो मार्जरीन से पूरी तरह परहेज करें।

मक्के का तेल: सूजन का कारण

मक्के के तेल में ओमेगा-6 पॉलीअनसेचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ओमेगा-6 जरूरी तो है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन लंबे समय तक सूजन का कारण बन सकता है। यह सूजन धमनियों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे प्लाक जमा हो सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मक्के के तेल का इस्तेमाल सोच-समझकर करें।

नारियल का तेल: चौंकाने वाला सच

यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन नारियल का तेल भी ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने पर दिल के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसमें संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को बढ़ाती है। यह हार्ट अटैक का एक बड़ा जोखिम है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी सलाह देते हैं कि नारियल तेल का इस्तेमाल कम से कम करें। WHO के अनुसार, रोजाना ली जाने वाली कैलोरी में संतृप्त वसा की मात्रा 10% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

वनस्पति तेल: बार-बार गर्म करना खतरनाक

वनस्पति तेल आमतौर पर हमारी रसोई में इस्तेमाल होते हैं और सेहत के लिए फायदेमंद भी माने जाते हैं। लेकिन बार-बार गर्म करने से इनके फायदे नुकसान में बदल सकते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक शोध के मुताबिक, बार-बार गर्म किए गए तेल से लिपिड ऑक्सीकरण होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए वनस्पति तेल को बार-बार गर्म करने से बचें।

स्वस्थ दिल के लिए सही तेल चुनें

अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए तेल का चयन सोच-समझकर करें। सूरजमुखी, जैतून या कैनोला जैसे तेलों का इस्तेमाल आपके दिल की सेहत के लिए बेहतर हो सकता है। साथ ही, तेल को बार-बार गर्म करने से बचें और संतृप्त वसा व ट्रांस फैट वाले तेलों से दूरी बनाएं।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी तेल का उपयोग शुरू करने या बंद करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें।

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