Next Story
Newszop

Rudraksha Benefits : रुद्राक्ष की ये एक गलती बना सकती है आपको दुर्भाग्य का शिकार, धारण करने से पहले ज़रूर जान लें ये नियम

Send Push

Rudraksha Benefits : भारतीय अध्यात्म में कुछ चीजें ऐसी हैं जो न केवल धार्मिक महत्व रखती हैं, बल्कि हमारे जीवन को गहरी ऊर्जा और संतुलन भी प्रदान करती हैं। रुद्राक्ष इन्हीं में से एक है। इसे भगवान शिव की तीसरी आंख से उत्पन्न माना जाता है, जो इसे दिव्य शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक बनाता है।

रुद्राक्ष सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है; यह मानसिक शांति, सकारात्मकता और आत्मिक विकास का एक सशक्त माध्यम है। लेकिन क्या इसे सिर्फ पहन लेना ही काफी है? आइए, जानते हैं रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करने और इसके लाभ पाने के उपाय।

रुद्राक्ष धारण करने से पहले करें शुद्धि

रुद्राक्ष को यूं ही किसी धागे में पिरोकर पहन लेना इसकी शक्ति को कम कर सकता है। इसे धारण करने से पहले इसे गंगाजल या किसी पवित्र जल से अच्छी तरह शुद्ध करें। स्नान के बाद शांत मन से बैठें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करते हुए इसे पहनें।

यह मंत्र न केवल रुद्राक्ष की ऊर्जा को जागृत करता है, बल्कि आपके मन की नकारात्मकता को भी दूर करता है। इस तरह की शुद्धि रुद्राक्ष को आपके लिए और प्रभावी बनाती है।

रुद्राक्ष को सही तरीके से कैसे पहनें

रुद्राक्ष को पहनने के लिए लाल या पीला धागा सबसे शुभ माना जाता है। इसे गले में पहनना सर्वशtrac लाभकारी होता है, क्योंकि यह हृदय और वाणी के केंद्र को सक्रिय करता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है और तनाव कम होता है।

अगर आप इसे कलाई में पहनना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह त्वचा से स्पर्श करता रहे, ताकि इसकी ऊर्जा आपके शरीर तक पहुंच सके। सही तरीके से पहनने पर ही रुद्राक्ष अपने पूर्ण लाभ दे पाता है।

रुद्राक्ष पहनने के बाद बरतें ये सावधानियां

रुद्राक्ष धारण करने के बाद कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। इसे शोक सभा, अंतिम संस्कार या ऐसी जगहों पर ले जाना टालें, जहां नकारात्मक ऊर्जा हो। बिना स्नान किए इसे छूने से बचें और इसे किसी और को देने से परहेज करें।

साथ ही, सात्विक जीवनशैली अपनाएं। मांसाहार, शराब या असंयमित आदतें रुद्राक्ष की शक्ति को कमजोर कर सकती हैं। इन नियमों का पालन करने से रुद्राक्ष का प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है।

रुद्राक्ष की देखभाल का खास तरीका

रुद्राक्ष सिर्फ एक बार पहनने की चीज नहीं है; इसे नियमित देखभाल की जरूरत होती है। समय-समय पर इसे साफ जल से धोएं और हल्के हाथों से सरसों का तेल लगाएं। इससे इसकी चमक और ऊर्जा बनी रहती है।

जब आप इसे न पहन रहे हों, तो इसे किसी साफ और पवित्र स्थान पर रखें, जैसे पूजा स्थल या साफ कपड़े में लपेटकर। इस तरह की देखभाल रुद्राक्ष को हमेशा शक्तिशाली बनाए रखती है।

कौन सा रुद्राक्ष है आपके लिए सही

रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जैसे एकमुखी, पंचमुखी, सप्तमुखी आदि, और हर प्रकार का रुद्राक्ष अलग-अलग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त होता है। पंचमुखी रुद्राक्ष सामान्य लोगों के लिए सबसे अच्छा है, जो शांति और संतुलन देता है।

एकमुखी रुद्राक्ष दुर्लभ है और गहन साधना करने वालों के लिए उपयुक्त है। सप्तमुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति और आत्मिक प्रगति के लिए जाना जाता है। अपने लक्ष्य और जरूरत के अनुसार सही रुद्राक्ष चुनना इसके लाभ की कुंजी है।

निष्कर्ष: रुद्राक्ष के साथ पाएं जीवन का संतुलन

रुद्राक्ष सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि शिव की कृपा का जीवंत प्रतीक है। सही विधि, श्रद्धा और देखभाल के साथ इसे धारण करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।

यह मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति का रास्ता खोलता है। अगर आप अपने जीवन में स्थिरता और शांति की तलाश में हैं, तो रुद्राक्ष को सही तरीके से अपनाकर शिव की कृपा प्राप्त करें।

Loving Newspoint? Download the app now