गर्मियों का मौसम आते ही ठंडे और पौष्टिक पेय की तलाश शुरू हो जाती है। दही और छाछ, दोनों ही भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा हैं, जो न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं। लेकिन सवाल यह है कि गर्मी में इनमें से कौन सा विकल्प आपकी सेहत के लिए ज्यादा बेहतर है? विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों के अपने अनूठे फायदे हैं। आइए जानें कि दही और छाछ में क्या अंतर है और गर्मियों में आपके लिए कौन सा सही है!
दही: पोषण का पावरहाउसदही प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी12 और प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। गर्मियों में यह शरीर को ठंडक देता है और पेट की गर्मी को शांत करता है। प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं। दही त्वचा को नमी देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि दही को रायता, लस्सी या स्मूदी के रूप में खाने से गर्मी में ताजगी मिलती है।
छाछ: हल्का और हाइड्रेटिंगछाछ, जिसे मट्ठा भी कहते हैं, दही को मथकर बनाया जाता है और यह हल्का, आसानी से पचने वाला पेय है। इसमें पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स और प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाते हैं। छाछ में कैलोरी कम होती है, जिससे यह वजन नियंत्रण के लिए आदर्श है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और गर्मी से होने वाली थकान को दूर करता है। जीरा, पुदीना या काला नमक डालकर छाछ का स्वाद और फायदे दोनों बढ़ जाते हैं।
दही और छाछ: सेहत के लिए तुलनादही और छाछ दोनों ही प्रोबायोटिक्स से भरपूर हैं, लेकिन उनकी बनावट और पोषण में अंतर है। दही गाढ़ा और पौष्टिक होता है, जो लंबे समय तक पेट को भरा रखता है। यह उन लोगों के लिए बेहतर है, जो प्रोटीन और कैल्शियम की ज्यादा जरूरत महसूस करते हैं। दूसरी ओर, छाछ हल्की और ज्यादा हाइड्रेटिंग है, जो गर्मी में बार-बार प्यास लगने पर तुरंत राहत देती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपका पाचन कमजोर है या आप वजन घटाना चाहते हैं, तो छाछ बेहतर विकल्प है।
गर्मियों में कौन है ज्यादा फायदेमंद?गर्मियों में छाछ को हल्केपन और हाइड्रेशन के कारण थोड़ा ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। यह तेजी से शरीर को ठंडक देती है और डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक या पेट की जलन से बचाती है। हालांकि, दही भी कम फायदेमंद नहीं है। अगर आप भारी भोजन के बाद कुछ पौष्टिक चाहते हैं, तो दही का रायता या लस्सी बेहतरीन है। दोनों को अपनी डाइट में संतुलित रूप से शामिल करना सबसे अच्छा है। उदाहरण के लिए, दोपहर में छाछ और शाम को दही का सेवन करें।
इन्हें डाइट में कैसे शामिल करें?दही और छाछ को डाइट में शामिल करना आसान है। दही को नाश्ते में पराठे के साथ, रायता के रूप में दोपहर के भोजन में, या फल और शहद के साथ स्मूदी के रूप में खाएं। छाछ को दोपहर या शाम के समय पिएं, जिसमें पुदीना, जीरा या काला नमक डालकर स्वाद बढ़ाएं। दोनों को ताजा और घर पर बनाना सबसे अच्छा है। बाजार में मिलने वाली फ्लेवर्ड लस्सी या छाछ में चीनी और कृत्रिम तत्व हो सकते हैं, इसलिए इनसे बचें।
सावधानियां और सुझावदही और छाछ ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित हैं, लेकिन कुछ सावधानियां जरूरी हैं। अगर आपको लैक्टोज इंटॉलरेंस है, तो इनका सेवन सीमित करें या लैक्टोज-फ्री विकल्प चुनें। रात में दही खाने से बचें, क्योंकि यह कफ बढ़ा सकता है। छाछ को ज्यादा ठंडा न पिएं, क्योंकि इससे पाचन प्रभावित हो सकता है। डायबिटीज या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग डॉक्टर से सलाह लें। ताजा और जैविक दही या छाछ चुनें और इन्हें रेफ्रिजरेटर में स्टोर करें।
गर्मियों का सबसे अच्छा साथीदही और छाछ दोनों ही गर्मियों में सेहत के लिए वरदान हैं। छाछ हल्कापन और हाइड्रेशन देती है, जबकि दही पोषण और तृप्ति। अपनी जरूरतों के हिसाब से इन्हें डाइट में शामिल करें और गर्मी में तरोताजा, स्वस्थ रहें। इन देसी पेय को अपनाएं और सेहत के साथ स्वाद का आनंद लें!