ग़ज़ा के हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं, जहां भुखमरी ने लोगों की ज़िंदगी नर्क बना दी है। दुनिया भर की 100 से ज़्यादा मानवीय सहायता एजेंसियों ने इज़राइल से गुहार लगाई है कि वो सहायता को हथियार की तरह इस्तेमाल करना बंद करे। इन एजेंसियों का कहना है कि अगर ये सिलसिला जारी रहा, तो ग़ज़ा में और ज़्यादा मौतें होंगी।
इन संगठनों ने एक संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उन्होंने इज़राइल पर आरोप लगाया है कि वो सहायता पहुंचाने में रुकावटें डाल रहा है। ग़ज़ा में भुखमरी की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि लोग भोजन के बिना दिनों गुज़ार रहे हैं। ऑक्सफ़ैम जैसी बड़ी एजेंसियों का कहना है कि उन्हें बार-बार बताया जा रहा है कि जब तक वो इज़राइल के सख़्त नियमों का पालन नहीं करेंगे, तब तक सहायता पहुंचाने की इजाज़त नहीं मिलेगी। ये संगठन डरते हैं कि अगर उन्होंने इन नियमों को नहीं माना, तो उन्हें ग़ज़ा में काम करने से रोका जा सकता है।
इज़राइल का क्या जवाब है?दूसरी तरफ़, इज़राइल का कहना है कि सहायता पर कोई रोक नहीं है। मार्च में लागू किए गए नियमों का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि मदद सीधे आम लोगों तक पहुंचे, न कि हमास जैसे संगठनों तक। इज़राइल के अधिकारियों का दावा है कि ये कदम सुरक्षा के लिए ज़रूरी हैं, लेकिन सहायता एजेंसियां इसे राजनीतिक हथियार मान रही हैं।
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