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जबलपुरः अंजुमन इस्लामिया कमेटी के फरमान के शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी मिलने के आरोप

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जबलपुर, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के जबलपुर जिले में अंजुमन इस्लामिया स्कूल द्वारा जुम्मे की छुट्टी को लेकर जारी किए गए फरमान के मामले में अब एक नया विवाद सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति ने जुम्मे की छुट्टी की शिकायत जिला प्रशासन को की थी उसको अब कौम से गद्दारी जैसे आरोपों के साथ जान से मारने की धमकी मिलने का आरोप है.

दरअसल Indian जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के नगर महामंत्री मुजम्मिल अली द्वारा अंजुमन इस्लामिया स्कूल के जुमे यानी शुक्रवार को अवकाश देने के फरमान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उस शिकायत पर जिला कलेक्टर और जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए न केवल स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया बल्कि स्कूल पहुंचकर जुम्मे के दिन ताला भी खुलवा दिया और स्कूल प्रशासन को हिदायत दी गई कि आइंदा इस तरीके का किसी भी प्रकार का आदेश प्रबंधन द्वारा दिया गया तो उन पर उन पर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी.

इस पूरे मामले के बाद शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसको लगातार जान से मारने की धमकी आ रही है . वही उसके ऊपर कौम की दलाली और धर्म के साथ गद्दारी किए जाने जैसी बातें कह कर दबाव बनाया जा रहा है.

शिकायतकर्ता ने sunday को जानकारी देते हुए बताया कि गोहलपुर क्षेत्र में रहने वाले इसरार अंसारी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप के जरिए लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है. उसके द्वारा शिकायतकर्ता को कौम का दलाल, एवं भाजपा का दलाल जैसे शब्द कहकर अपमानित किया जा रहा है. इसके साथ ही शिकायतकर्ता को जान से मार डालने की धमकी भी उक्त व्यक्ति द्वारा दी गई है.

मुजम्मिल अली द्वारा उपरोक्त घटना को लेकर ओमती थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. इसके साथ-साथ मुजम्मिल अली द्वारा Indian जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर से भी इसकी लिखित शिकायत देते हुए पूरे विषय से अवगत कराया है. इस दौरान पुलिस प्रशासन से मुजम्मिल अली ने मांग की है कि इस तरह के धमकी देने वाले असामाजिक तत्वों को तत्काल की गिरफ्तार कर उन पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए.

वहीं अंजुमन इस्लामिया कमेटी के अध्यक्ष अनु अनवर ने अपने बयान में कहा था की मुजम्मिल अली पर गम्भीर आरोप लगे हैं जिसके चलते वह यह सब शिकायती प्रपोगंडा कर रहा है. मुजम्मिल अली पर लोहे के सरिया चोरी जैसे कांड के आरोप लगाए गए जिसकी बाकायदा जप्ती भी पुलिस ने बनाई है और जिसका मामला न्यायालय में चल रहा है.

इसमें एक बात और सामने आ रही है जिस पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप है उसका कहना है कि मैं पिछले बहुत समय से उससे मिला ही नहीं एवं ना ही मेरी कोई बातचीत हुई है. मैं भी अल्पसंख्यक मोर्चा में हूं और मेरा अध्यक्ष बनने के लिए नाम चल रहा है, मुजम्मिल अली महामंत्री है और वह भी अध्यक्ष बनना चाहता है जिसके चलते उसने यह झूठी शिकायत दर्ज कराई है.

वहीं दूसरी बात यह सामने आती है की अंजुमन इस्लामिया कमेटी द्वारा पिछले लगभग एक वर्ष से यह जुम्मे का अवकाश लागू किया गया था, तब तक मुजम्मिल अली ने शिकायत क्यों नहीं की. तब तक ना जिला प्रशासन को होश था, ना ही शिक्षा विभाग को एवं नाही सरकारी एजेंसियों को पता था. आरोप है कि अपने केस में दबाब बनाने के लिए शिकायत की गई और वह मीडिया पर वायरल हो गई. जिसके चलते दबाव में जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई करना पड़ी.

इस बाबत शहर के नागरिक सुभाष विश्वकर्मा, प्रवीण नामदेव आदि का कहना है कि इसमें सर्वाधिक दोषी जिला शिक्षा अधिकारी है शहर में अंजुमन इस्लामिया के छः स्कूलों में पिछले एक साल से जुम्मा अवकाश घोषित किया जाता रहा और उन्होंने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया.

कुल मिलाकर अंजुमन इस्लामिया के घोषित फरमान सरकार की नजर में आने के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया परंतु उसके बाद इस कांड को लेकर आपसी विवाद एवं राजनीतिक प्रतिद्वंदता के साथ सियासत गर्मा गई है.

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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