नई दिल्ली, 28 अप्रैल . पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के परिवार वालों ने उनके कुछ जरूरी कागजात भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) को सौंपे. इनमें मूल पत्राचार, पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, यात्रा रिपोर्ट और विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ संगठनों में डॉ कलाम द्वारा दिए गए व्याख्यान से जुड़े कागजात शामिल हैं.
दिल्ली स्थित एनएआई में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में डॉ. कलाम की भतीजी डॉ. एपीजेएम नाजमा मरैकयार और डॉ. कलाम के पोते एपीजेएमजे शेख सलीम ने पूर्व राष्ट्रपति के कुछ जरूरी कागजात एनएआई को सौंपें. इस मौके पर एनएआई के महानिदेशक अरुण सिंघल ने डॉ. एपीजेएम नाजमा मरैकयार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर महानिदेशक सिंघल ने कहा कि अब आम लोग भी डॉ. कलाम के 1000 से अधिक भाषणों के संग्रह को देख और पढ़ सकेंगे. सभी कागजात का डिजिटलीकरण किया जाएगा. आने वाली पीढ़ी एनएआई के निजी संग्रह में जाकर डॉ. कलाम, महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चंद्रबोस द्वारा लिखे पत्र और दस्तावेज पढ़ सकती है.
एनएआई के सहायक निदेशक डॉ. मानस मिश्रा ने को बताया कि आज औपचारिक तौर पर डॉ कलाम और एनएआई के बीच समझौता किया गया. इसके तहत परिवार वालों ने डॉ कलाम के निजी पत्राचार, भाषणों का संग्रह, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड को एनएआई को सौंपा. इसके लिए एनएआई की टीम दिल्ली से रामेश्वरम डॉ. कलाम के घर पर उनके निजी पत्रों को लेने के लिए पहुंची थी. टीम में उनके साथ उपनिदेशक राजू सिंह और सहायक निदेशक डॉ. रिचा थे. डॉ कलाम द्वारा लिखे लेक्चर, पत्रों से भरे 12 बॉक्स को चार बड़ बॉक्स में भर कर दिल्ली लाया जा रहा है. डॉ कलाम द्वारा विश्वविद्यालयों में दिए गए भाषणों का संकलन है जिसमें विकसित भाऱत का रोडमैप का विजन है. इन सभी भाषणों को अब अभिलेखागार में रखा जाएगा और उनका डिजीटलीकरण किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि डॉ. कलाम (1931-2015), जिन्हें भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है, एक प्रख्यात वैज्ञानिक और देश के राष्ट्रपति (2002-2007) थे. डॉ. कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ. उन्होंने अपने पीछे ऐसी विरासत छोड़ी जो पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. एनएआई भारत सरकार के गैर-वर्तमान अभिलेखों का संरक्षक है. सार्वजनिक अभिलेखों के अपने विशाल संग्रह के अलावा एनएआई में सभी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित भारतीयों के निजी कागजात का एक समृद्ध और लगातार बढ़ता हुआ संग्रह भी है, जिन्होंने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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/ विजयालक्ष्मी
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