कानपुर देहात, 04 नवम्बर (Udaipur Kiran) . जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक मंगलवार को उस वक्त हंगामे में बदल गई जब अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी आपस में आमने-सामने आ गए. जिले के विकास कार्यों की समीक्षा को लेकर बुलाई गई यह बैठक अचानक राजनीतिक टकराव का मंच बन गई.
मामला तब शुरू हुआ जब पूर्व सांसद वारसी ने विभागों में हो रहे कार्यों की पारदर्शिता पर सवाल उठाया. इस पर सांसद भोले सिंह ने बीच में टोकते हुए वारसी पर राजनीति करने का आरोप लगा दिया. दोनों के बीच तीखी नोकझोंक बढ़ी तो माहौल गर्म हो गया. स्थिति बिगड़ते देख मौके पर मौजूद एसपी और एएसपी को हस्तक्षेप करना पड़ा. अफसरों ने दोनों नेताओं को शांत करने की कोशिश की, लेकिन तब तक बैठक का माहौल पूरी तरह बिगड़ चुका था. बवाल के बीच जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में चल रही बैठक को तत्काल स्थगित कर दिया गया. हंगामे के बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए.
पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने कहा कि “सांसद भोले सिंह जिले में फैक्ट्रियों और विकास कार्यों से वसूली कर रहे हैं.”वहीं सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पलटवार करते हुए कहा कि “वारसी को उपचार की जरूरत है, उनका व्यवहार विकास के कार्यों में बाधा डाल रहा है.”
राजनीतिक वर्चस्व की इस जंग का इतिहास पुराना है. पूर्व सांसद वारसी, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति हैं.
प्रतिभा शुक्ला भी कुछ महीने पहले वर्चस्व विवाद को लेकर धरने पर बैठ चुकी हैं. उस समय भी जिले की राजनीति में यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था. राजनीतिक अहम और आपसी वर्चस्व की यह टकराहट अब सरकारी मंचों तक पहुँच गई है. जिले की विकास योजनाओं पर चर्चा करने वाली दिशा की बैठक अब राजनीतिक संघर्ष का प्रतीक बन गई है.
प्रशासन ने बैठक को स्थगित कर अगली तिथि तय करने की बात कही है, लेकिन इस घटना ने जनप्रतिनिधियों के आचरण पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं.
(Udaipur Kiran) / अवनीश अवस्थी
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