शिमला, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है। शिमला जिले में पिछले 20 घंटों से जारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह भूस्खलन और सड़कें बंद होने से लोग घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। इस बीच जिले के जुन्गा और कोटखाई क्षेत्रों में भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई है।
जुन्गा में पिता-पुत्री दबे, पत्नी बाल-बाल बची
तहसील जुन्गा के पटवार हल्का डबलू के उप मोहल जोड़ में रविवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। यहां रहने वाले वीरेंद्र कुमार (35) पुत्र स्व. जय सिंह का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। देखते ही देखते पूरा मकान मलबे में तब्दील हो गया। इस हादसे में वीरेंद्र कुमार और उनकी 10 वर्षीय बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घर में बंधे मवेशी भी दबकर मर गए।
हादसे के समय वीरेंद्र कुमार की पत्नी घर के बाहर थीं, जिससे उनकी जान बच गई। लेकिन पति और बेटी को खोने के बाद वे बेसुध हैं। पूरे गांव में इस हादसे से मातम पसरा हुआ है।
कोटखाई में मकान ढहा, बुजुर्ग महिला की मौत
इसी तरह सोमवार तड़के शिमला जिले के कोटखाई उपमंडल के गांव चोल, डाकघर आदर्श नगर में भी भारी बारिश के कारण मकान के पीछे भूस्खलन हुआ। भूस्खलन से मकान अचानक ढह गया और उसमें रहने वाली बुजुर्ग कलावती पत्नी श्री बलम सिंह मलबे में दब गईं। स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
दोनों घटनाओं की जानकारी मिलते ही शिमला जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें घटनास्थलों पर पहुंचीं। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आपदा राहत कोष से शीघ्र मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत प्रदान की जा रही है।
लगातार हो रही बारिश से शिमला जिले में यातायात ठप हो गया है। कई संपर्क मार्ग बंद हैं और बिजली-पानी की आपूर्ति भी बाधित हो रही है। सुरक्षा कारणों से शिमला सहित 10 जिलों में सोमवार को सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज प्रदेश के कई जिलों के लिए बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं बादल फटने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। विभाग ने लोगों को नदी-नालों के किनारे और भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक इस मानसून सीजन में 320 लोगों की मौत हो चुकी है। मंडी में 51, कांगड़ा में 49 और चंबा में 36 लोगों की जान गई है। अब तक 4098 घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें से 844 पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1592 मकानों को नुकसान हुआ है। इसके अलावा 471 दुकानें और 3710 पशुशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं। अब तक 3056 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान दर्ज किया गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1707 करोड़, जलशक्ति विभाग को 1070 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ रुपये की क्षति उठानी पड़ी है। मॉनसून सीजन में परदेस में अब तक बादल फटने की 45, भूस्खलन की 95 और फ्लैश फ्लड की 91 घटनाएं हो चुकी हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा