इंदौर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मप्र के इंदौर में सूर्य उपासना और लोक आस्था का प्रतीक छठ महापर्व आज (Saturday ) से नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया. यह चार दिवसीय पर्व शुद्धता, संयम और श्रद्धा का अद्भुत संगम है, जिसमें व्रती महिलाएं और पुरुष प्रकृति एवं सूर्यदेव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. सुबह से ही व्रतधारी परिवार अपने घरों की सफाई, शुद्धिकरण और सात्विक भोजन की तैयारी में जुट गए. नहाय-खाय के साथ छठ व्रतियों द्वारा गेहूं धोने और सुखाने की परंपरा निभाई जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में सूर्यदेव को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद की तैयारी होती है.
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान Madhya Pradesh के महासचिव केके झा ने बताया कि “इस वर्ष इंदौर के 150 से अधिक घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन किया जा रहा है. सभी समितियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में घाटों की सफाई और सजावट की है. इंदौर और आसपास के प्रमुख छठ स्थलों- स्कीम नं. 54, 78, टिगरिया बादशाह, कैट रोड सूर्य मंदिर, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, समर पार्क, निपानिया, तपेश्वरी बाग, फीनिक्स टाउनशिप, पिपलियाहाना तालाब, एरोड्रम रोड, राऊ और पीथमपुर- पर श्रद्धालु डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे.
छठ महापर्व की कार्यक्रम रूपरेखा
आज नहाय-खायः घर की शुद्धि और सात्विक आहार से शुभारंभ26 अक्टूबर (sunday ) खरना — दिनभर उपवास के बाद आम की लकड़ी पर गुड़ की खीर व रोटी का प्रसाद बनाकर सूर्यदेव को अर्पित किया जाएगा; इसके साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ होगा27 अक्टूबर (Monday) षष्ठी तिथि — अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण28 अक्टूबर (मंगलवार) सप्तमी तिथि — उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन
लोक संस्कृति, पर्यावरण और एकता का पर्वझा ने बताया कि छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देती है. यह पर्व सूर्य की ऊर्जा, जल की पवित्रता और मानवीय समर्पण का अनोखा प्रतीक है, जो समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में बाँधता है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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