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राष्ट्रीय स्तर के समाज प्रमुखों की सद्भाव बैठक में डॉ भागवत बोले- सद्भावना, स्वस्थ समाज का लक्षण

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इंदौर, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । समाज है, तो सद्भावना है। समाज यानी सद्भावना। यह अपनेपन का सम्बंध है। यह सोसायटी अर्थात् सोशल कॉन्ट्रैक्ट नहीं है। समाज में व्यक्ति और परिवार दोनों की सत्ता होती है। समाज का एक सामान्य उद्देश्य धर्मयुक्तजीवन होता है। उक्‍त उद्गार राविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत ने मध्‍य प्रदेश के इंदौर स्‍थ‍ित ब्रिलियंट कन्वेशन सेन्टर में मालवा प्रांत के प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर के समाज प्रमुखों की सद्भाव बैठक को सम्बोधित करते हुए व्‍यक्‍त किए।

भारत की परिवार व्‍यवस्‍था को ध्‍वस्‍त करने की वैश्‍विक कोशिशें हो रहीं

डॉ मोहन भागवत ने समाज प्रमुखों से कहा कि “मनुष्य को शरीर और उपभोग की वस्तु मानने वाले विचार ने पूरे यूरोप को ध्वस्त किया तथा यही विचार अब भारत की परिवार व्यवस्था को ध्वस्त करने का प्रयास कर रहा है। इसने संस्थाओं को अपने नियन्त्रण में लेकर समाज को तोड़ने के लिए विश्व के 50-60 घरानों से गठजोड़ कर लिया है। इनका उद्देश्य भारत के बाजार पर कब्जा करना है। इंग्लैण्ड में 2021 में आयोजित ‘डिस्मेंटलींग हिन्दुत्व‘ विषय पर आयोजित सेमिनार के पिछे यही विचार था।”

भारत मे धर्म और राष्ट्र एक ही, कहीं अलग नहीं

डॉ भागवत ने आगे कहा, “भारत में धर्म और राष्ट्र एक ही बात है। इसके लिए किया जाने वाला कार्य, ईश्वरीय कार्य ही है। स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकान्द आदि महापुरुषों ने जात-पात से ऊपर उठकर समाज में राष्ट्र भाव जागृत करने का कार्य किया। समाज व परिवार के लिए मातृ शक्ति का चिन्तन पुरुषों से अधिक व्यापक होता है। अपने-अपने क्षेत्र मे स्थानीय स्तर पर सभी जाति-बिरादरी साथ बैठकर अपनी बिरादरी के उत्थान के लिए चिन्तन करें तथा कमजोर समाज को ऊपर उठाने में मिलकर प्रयास करें।“

उन्‍होंने कहा, “सब समाज मिल कर राष्ट्र व हिंदू समाज के प्रश्नों का समाधान करें। हम हिंदू हैं, हर हिंदू का सुख-दुख हमारा सुख-दुख है।”

इस अवसर पर रा.स्‍व.संघ सरसंघचालक डॉ भावगत द्वारा विभिन्न जिलों से आए समाज प्रमुखों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। वहीं, इन सभी ने समाज जीवन से जुड़े अपने अनुभवों को भी डॉ भागवत के साथ साझा किया। साथ ही उनकी परेशानियों, समाधान, अपेक्षाओं और सामाजिक उत्थान से जुड़े संभावित परिवर्तनों के अलावा राष्ट्रीय, सामाजिक और स्थानीय मुद्दों पर भी चर्चा करते हुए अपने लिए पाथेय प्राप्‍त किया। इस बैठक में यह भी तय किया गया कि आगामी नवंबर माह में खण्ड (तहसील) स्तर पर सद्भाव बैठक आयोजित की जाएंगी। यहां एक विस्‍तृत योजना इसे लेकर बनाई गई है।

कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्जवलन एवं भारत माता पूजन से हुआ, तत्पश्‍चात चयनित समाज प्रमुखों के द्वारा उनके समाज द्वारा जनकल्याण एवं सेवा कार्यों की जानकारी सभी के समक्ष प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का संचालन जसविंदर सिंह ठकराल, अतिथि परिचय दिनेश गुप्‍ता एवं आभार राधेश्याम पाटीदार ने किया। कार्यक्रम में मालवा प्रांत के 111 समाजों के 284 समाज प्रमुख उपस्थित रहें।

उल्‍लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत शनिवार रात इंदौर में दो प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए पहुंच गए थे। इस सद्भावना बैठक के साथ ही शाम श्री गुरुजी सेवा न्यास के प्रकल्प माधव सृष्टि आरोग्य केंद्र के कैंसर अस्पताल के उद्घाटन समारोह में वे शामिल हुए। जहां उन्‍होंने पंच परिवर्तन स्वदेशी जीवन शैली, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, नागरिक अनुशासन तथा समरसता जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया।

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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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