रांची, 2 मई .
बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा के अंतरिक्ष इंजीनियरिंग और रॉकेट्री विभाग की ओर से शुक्रवार को रॉकेट टेक्नोलॉजी पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया. इस कार्यक्रम में देशभर से प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और छात्रों ने भाग लिया. कार्यशाला में एयरोस्पेस और रॉकेट प्रणालियों में हो रहे अत्याधुनिक विकासों पर विचार-विमर्श किया गया.
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में जेडी पाटिल, भारतीय राष्ट्रीय अभियांत्रिकी अकादमी (आईएनएई) के अध्यक्ष और एलएंडटी डिफेंस के पूर्णकालिक निदेशक, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
पद्मश्री डॉ बीएन सुरेश, इसरो के मानद विशिष्ट प्रोफेसर और आईआईएसटी के चांसलर, कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस मौके पर बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और अंतरिक्ष इंजीनियरिंग और रॉकेट्री विभाग की क्षमताओं पर प्रकाश डाला, जो स्वदेशी एयरोस्पेस विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
कई विश्वविद्यालयों के शोधार्थी हुए शामिल
डॉ प्रियांक कुमार ने कार्यशाला की थीम और दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और रॉकेट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान और सहयोग की बढ़ती जरूरत को रेखांकित किया. प्रो सुदीप दास, विभागाध्यक्ष और रजिस्ट्रार ने भी कार्यशाला के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई.
कार्यशाला में देश के कई विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से आए छात्रों और शोधार्थियों ने भाग लिया. पहले दिन के सत्र में रॉकेट प्रणोदन पर एन जयन (एलपीएससी) और एमपीआर शर्मा (डीआरडीएल) ने प्रणोदन प्रौद्योगिकियों में हो रहे विकास पर व्याख्यान दिया. वहीं
एयरोडायनामिक्स पर डॉ संजय मित्तल (आईआईटी कानपुर) ने विंड टनल परीक्षण और निम्न गति प्रवाहों के सीएफडी मॉडलिंग पर चर्चा की.
डॉ एस पंडियन (एसडीएससी और वीएसएससी) ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी की संभावनाओं और चुनौतियों को प्रस्तुत किया.
बीआईटी मेसरा के डॉ प्रियांक कुमार, डॉ सुदीप दास और डॉ राजीव कुमार ने संस्थान की रॉकेट टेक्नोलॉजी से जुड़ी परियोजनाओं और योगदान को साझा किया.
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/ Vinod Pathak
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