अंबिकापुर, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) . आज़ादी के स्वर “वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर सरगुजा जिले में राष्ट्रगीत के गौरव को पुनर्जीवित करने की पहल शुरू की गई है. कलेक्टर विलास भोसकर के निर्देशानुसार जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में प्रतिदिन “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन आयोजित किया जाएगा. इस अभियान की शुरुआत अंबिकापुर के ओ.पी.एस. स्कूल में हुई, जहाँ कलेक्टर स्वयं पहुंचे और बच्चों के साथ राष्ट्रगीत व राष्ट्रीय गान का सामूहिक गायन किया.
कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर भोसकर ने विद्यार्थियों को “वंदे मातरम्” की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि इस अमर गीत की रचना स्व. बंकिम चंद्र चटर्जी ने लगभग 150 वर्ष पूर्व की थी, जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था. एकता और स्वतंत्रता के भाव को जगाने के लिए उन्होंने “वंदे मातरम्” लिखा, जो आगे चलकर स्वदेशी आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरक नारा बन गया.
कलेक्टर ने कहा, “वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का स्वर है. जिसने देश को आज़ादी की राह दिखाई.” उन्होंने बताया कि 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसे भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया.
प्रधानमंत्री एवं Chief Minister के निर्देशानुसार, वर्ष 2025 को राष्ट्रगीत के गौरवशाली 150 वर्ष पूर्ण होने के रूप में मनाया जाएगा, जिसके तहत जिले के सभी विद्यालयों में “वंदे मातरम्” का वर्षभर नियमित गायन कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पहल से विद्यार्थियों में देशभक्ति, एकता और राष्ट्रीय गर्व की भावना और अधिक प्रबल होगी.
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. दिनेश झा, डीएमसी सर्वजीत पाठक, ओ.पी.एस. प्राचार्य डॉ. इश्हार अहमद खान सहित अनेक विभागीय अधिकारी एवं शिक्षण संस्थान के शिक्षक उपस्थित रहे.
(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह
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