– Chief Minister डॉ. यादव ने सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय की नवीन नाम पट्टिका का अनावरण किया
भोपाल, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के उज्जैन में स्थित सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में शुक्रवार की शाम विश्वविद्यालय के आधारशिला दिवस के अवसर पर “नवीन नाम पट्टिका अनावरण समारोह” का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन केवल एक विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन का नहीं, बल्कि उज्जैन और संपूर्ण Madhya Pradesh के गौरव के पुनर्जागरण का दिन है. ‘विक्रम विश्वविद्यालय’ अब ‘सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय’ के रूप में नई पहचान लेकर, अपने गौरवशाली इतिहास की नई यात्रा शुरू कर रहा है. यह क्षण हम सभी के लिए गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन सदैव भारत की सांस्कृतिक राजधानी रही है. यह वह धरा है, जहाँ से ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म और संस्कृति का प्रकाश पूरे विश्व में फैला. यह वही नगरी है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की, जहां. महाकाल का आशीर्वाद हर कण में विद्यमान है और जहां विक्रमादित्य जैसे महान सम्राट ने धर्म, न्याय और ज्ञान की प्रतिष्ठा स्थापित की.
उन्होंने कहा कि मैं स्वयं इस विश्वविद्यालय का विद्यार्थी रहा हूँ. छात्र जीवन की अनेक स्मृतियां आज ताज़ा हो गई हैं. यह संस्था केवल शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि मेरे जीवन की प्रेरणा रही है. इस विश्वविद्यालय ने मुझे सामाजिक सेवा, नेतृत्व और सार्वजनिक जीवन का मार्ग दिखाया.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन केवल शब्दों का बदलाव नहीं है बल्कि यह उस पहचान की पुनर्स्थापना भी है जो कभी उज्जैन की धरती की शान हुआ करती थीं. ‘सम्राट विक्रमादित्य’ का नाम हमारी परंपरा, संस्कृति और राष्ट्र गौरव का प्रतीक है. इस नाम के साथ विश्वविद्यालय नई ऊर्जा, नई सोच और नई दिशा में अग्रसर होगा.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि आज यह विश्वविद्यालय शोध, नवाचार और समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. 175 से अधिक महाविद्यालयों से संबद्ध यह संस्थान हजारों विद्यार्थियों को ज्ञान का प्रकाश दे रहा है. यह देखकर गर्व होता है कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी देश-विदेश में अपने कार्य से नाम रोशन कर रहे हैं.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य जैसे व्यक्तित्व सदियों में एक बार जन्म लेते हैं जो वीरता, दान, नीति, और न्याय के प्रतीक होते हैं. विक्रमादित्य न केवल उज्जैन की पहचान थे बल्कि भारत की आत्मा का स्वरूप थे. आज जब यह विश्वविद्यालय उनके नाम से जुड़ रहा है तो यह केवल संस्थान का नहीं बल्कि समूचे प्रदेश का सम्मान है.
Chief Minister ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर किया है. जिस प्रकार विक्रमादित्य ने अपने युग में न्याय और नीति की परंपरा स्थापित की थी, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी ने आधुनिक भारत में विकास, आत्मविश्वास और वैश्विक पहचान का युग प्रारंभ किया है.
Chief Minister ने कोविड काल की चुनौतियों का स्मरण करते हुए कहा कि कठिन समय में भी भारत ने साहस और एकता से कार्य किया. हमारे डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और आम नागरिक सबने मिलकर देश को बचाया. यही वह भावना है जो हमें विक्रमादित्य के युग से जोड़ती है कर्तव्य, समर्पण और धैर्य की भावना. उन्होंने कहा आज जब हम ‘सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय’ के रूप में नई पहचान की ओर बढ़ रहे हैं, यह केवल एक संस्था का रूपांतरण नहीं बल्कि उज्जैन के उस स्वर्णिम अध्याय का पुनर्लेखन है जो शिक्षा, संस्कृति और अध्यात्म के त्रिवेणी संगम पर आधारित है. मैं इस विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र, शिक्षक और कर्मचारी को इस ऐतिहासिक अवसर की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूं.
Chief Minister ने कहा जैसे करवा चौथ का चाँद सौभाग्य का प्रतीक होता है, वैसे ही का यह दिन इस विश्वविद्यालय के लिए सौभाग्य और नए युग की शुरुआत का प्रतीक बनेगा. यह विश्वविद्यालय महाकाल की नगरी की ऊर्जा से प्रेरित होकर शिक्षा, शोध, संस्कृति और समाज सेवा के क्षेत्र में देश का अग्रणी संस्थान बने यही मेरी कामना है.
पूर्व विधायक महंत राजेंद्र भारती ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय नाम Chief Minister डॉ. यादव की इस विश्वविद्यालय को अद्भुत सौगात हैं. उन्होंने अपने छात्र राजनीति की यादें साझा की और बताया कि उनके और Chief Minister द्वारा किस प्रकार इस विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति की जाती थीं. इस अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने Chief Minister डॉ. यादव का सम्मान स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल भेंट कर किया. साथ ही उज्जैन नगर निगम सभापति कलावती यादव, नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, एवं सत्येन्द्र कुमार मिश्रा का भी सम्मान किया गया.
सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. भारद्वाज ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह दिन विश्वविद्यालय के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने वाला है. विक्रम विश्वविद्यालय से सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय’ बनने का यह क्षण केवल नाम परिवर्तन नही बल्कि हमारी पहचान और गौरव की पुनर्स्थापना है. उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य केवल एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और न्याय के प्रतीक हैं. उनके नाम से विश्वविद्यालय का जुड़ना हमारे लिए प्रेरणादायक और गर्व का विषय है. यह कदम उज्जैन की उस प्राचीन ज्ञानधारा को पुनर्जीवित करेगा जिसने भारत को शिक्षा और संस्कृति का केंद्र बनाया.
कुलगुरु प्रो. भारद्वाज ने कहा कि Chief Minister डॉ. यादव स्वयं इस विश्वविद्यालय के गौरवशाली पूर्व छात्र रहे हैं. उनका विश्वविद्यालय के प्रति यह भावनात्मक जुड़ाव आज उसे नई पहचान दे रहा है. यह विश्वविद्यालय अब शिक्षा, अनुसंधान, संस्कृति और नवाचार का केंद्र बनेगा.
Chief Minister डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय की नवीन नाम पट्टिका के अनावरण के बाद विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित डॉ. राजेश गुप्ता एवं डी.डी. बेदिया की डिजिटल मार्केटिंग, तिलक राज सिंह सोलंकी की राजा रवि वर्मा: एक Indian चित्रकार, रमण सोलंकी की आलेख पुरातन की ओर, गीता नायक की नूतन प्रवाह, मिती शर्मा की ए स्पेक्ट्रम ऑफ इंडिया, तथा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर, प्रो. आशीष वर्मा, डॉ. हितेन्द्र त्रिवेदी की Planning for the Largest Human Gathering on Planet Earth आदि पुस्तकों का विमोचन किया. विश्वविद्यालय द्वारा “मेरी स्मृतियों में” शीर्षक से एक विशेष पत्रिका का भी विमोचन किया गया.
Chief Minister डॉ. यादव ने कालिदास अकादमी में किया चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ
Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को उज्जैन की कालिदास अकादमी में तिलक राज सिंह सोलंकी की एकल चित्र प्रदर्शनी ‘चित्र अवंति’ का शुभारंभ किया. Chief Minister डॉ. यादव ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और चित्रों की सराहना की. आगामी 12 अक्टूबर तक ये प्रदर्शनी कलाप्रेमियों के अवलोकन के लिए जारी रहेगी. दर्शक दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक प्रदर्शनी अवलोकन कर सकते हैं.
(Udaipur Kiran) तोमर
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