अयोध्या, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) .
राम जन्मभूमि में 25 नवंबर को विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अयोध्या पहुंचकर श्रीराम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे. यही दिन श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह का पर्व भी है और इसी पावन दिन पूरी दुनिया को राम मंदिर निर्माण की पूर्णता का संदेश दिया जाएगा.इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे. उक्त बातें sunday को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने कहीं.
उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण अपने अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंच चुका है.
ध्वजारोहण से पहले मंदिर परिसर में पांच दिनों तक विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे. वैदिक आचार्यों के सानिध्य में पूजन, हवन और भजन संध्या के कार्यक्रम होंगे. उन्होंने बताया कि मंदिर के शिखर पर लहराने वाला ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा होगा, जो पूरी तरह केसरिया रंग का होगा. ध्वज पर रामायण कालीन कोबेदार वृक्ष, ओंकार और सूर्य का पवित्र चिन्ह अंकित रहेगा, जो धर्म, शक्ति और सत्य के प्रतीक माने जाते हैं.
गोविंद देव गिरि महाराज ने ध्वजारोहण के इस ऐतिहासिक समारोह में सम्मिलित होने वाले लोगों के संदर्भ में बताया कि अवसर पर इसमें अयोध्या के संत-महात्माओं, विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों और पूर्वी Uttar Pradesh के चुनिंदा लोगों को विशेष निमंत्रण भेजा जाएगा. यह आयोजन पूरी तरह अयोध्या केंद्रित रहेगा और देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में यह संदेश जाएगा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण पूर्णता को प्राप्त कर चुका है.
उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय अनुष्ठान में राम मंदिर के साथ भगवान शंकर, भगवान गणेश, भगवान सूर्य, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा, हनुमानजी व शेषावतार लक्ष्मण जी के मंदिरों में भी पंचायतन पद्धति के अनुसार विशेष पूजन-अर्चन व हवन का क्रम चलता रहेगा.
उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण समारोह के उपरांत रामजन्मभूमि परिसर में अन्य कार्य जैसे कार्यालय, सभागार आदि का निर्माण तो गतिशील रहेंगे, परंतु मंदिरों का कोई कार्य अवशेष नहीं रहेगा.
(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय
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