ऐतिहासिक कदम उठाते हुए हनुमान गढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी 30 अप्रैल को अयोध्या के राम मंदिर के दर्शन के लिए अपने घर से निकलेंगे। 1.6 किलोमीटर की यह यात्रा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह 300 साल पुरानी परंपरा को तोड़ती है, जिसके तहत हनुमान गढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारियों को मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाना पड़ता है। सभी की निगाहें एक मंदिर से दूसरे मंदिर की इस धार्मिक यात्रा पर होंगी, क्योंकि मुख्य पुजारी सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। 30 अप्रैल को पड़ने वाले अक्षय तृतीया के अवसर पर वे नवनिर्मित राम मंदिर की यह उल्लेखनीय यात्रा करेंगे। 70 वर्षीय मुख्य पुजारी महंत प्रेम दास को 'गद्दी नशीन' की उपाधि प्राप्त है और सदियों पुरानी परंपरा के कारण उन्होंने अयोध्या में 52 बीघा के विशाल हनुमानगढ़ी परिसर को कभी नहीं छोड़ा है। परंपरागत रूप से, गद्दी नशीन को मंदिर परिसर से बाहर जाने की मनाही होती है। अयोध्या निवासी प्रज्जवल सिंह ने पीटीआई को बताया, "18वीं शताब्दी में मंदिर की स्थापना के साथ शुरू हुई परंपरा इतनी सख्त थी कि 'गद्दी नशीन' को स्थानीय अदालतों में भी पेश होने से रोक दिया गया था।"
प्राचीन परंपरा को बदलने की वजह क्या थी? तो फिर सदियों पुरानी इस परंपरा को वर्तमान में क्यों तोड़ा जा रहा है? इस सवाल का जवाब बहुत ही सरल तरीके से महंत प्रेमदास की राम मंदिर जाने की इच्छा में मिलता है। हनुमान गढ़ी के शिष्यों के अनुसार, महंत प्रेमदास कई महीनों से कह रहे हैं कि भगवान हनुमान उनके सपनों में आकर उन्हें राम मंदिर जाने का निर्देश दे रहे हैं। इसके बाद, उन्होंने निर्वाणी अखाड़े के पंचों (सदस्यों) को अपनी इच्छा बताई, जिन्होंने परंपरा को दरकिनार करते हुए सर्वसम्मति से उन्हें यात्रा की अनुमति दे दी।
मुख्य पुजारी का राम मंदिर का दौरा कैसे होगा?
निर्वाणी अखाड़े के प्रमुख महंत रामकुमार दास ने कहा कि अक्षय तृतीया, 30 अप्रैल को, गद्दी नशीन (महंत प्रेम दास) हनुमानगढ़ी से राम लला मंदिर तक एक भव्य जुलूस का नेतृत्व करेंगे, जिसमें हाथी, ऊंट और घोड़े शामिल होंगे, और अखाड़े के 'निशान' लेकर चलेंगे।
You may also like
MAT 2025 May Session Registrations Open: Check Important Dates, Exam Modes, and Fee Details
आप लोग बहुत जल्दी समझ गए... पानी को लेकर पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा कि जमकर लगे नारे
Mock Drill in India: गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक, नागरिकों को प्रशिक्षित करने पर चर्चा
ये मनमानी नहीं तो क्या है... सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को जमकर सुनाया
Exclusive Video: नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बढ़ा शेरों का परिवार, शेरनी तारा ने दूसरी बार दिया शावक को जन्म