पुलिस ने समय रहते एक सनसनीखेज वारदात को पकड़ लिया जिससे उदयपुर के आपराधिक जगत में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने एक कुख्यात शहर इतिहासकार की हत्या की साजिश रची थी। उनके पास से तीन पिस्तौल, एक पंप एक्शन गन और 33 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। यदि अपराधियों की यह योजना सफल हो जाती तो उदयपुर में बड़ा गैंगवार छिड़ जाता।
पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया कि उदयपुर जिला स्पेशल और सूरजपोल थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। संपूर्ण कार्रवाई की निगरानी एएसपी उमेश ओझा व डिप्टी महिपाल सिंह ने की, जबकि डीएसटी प्रभारी श्याम सिंह रतनू व थाना प्रभारी रतन सिंह की टीम ने फील्ड की जिम्मेदारी संभाली।
इस साजिश के पीछे मुख्य अपराधी हिस्ट्रीशीटर नरेश हरिजन है, जिसके खिलाफ हत्या, जबरन वसूली और अपहरण समेत 35 गंभीर मामले दर्ज हैं। नरेश ने ही जयपुर के कुख्यात अपराधी इमरान उर्फ सरिया को उदयपुर बुलाया था और उसे एक अन्य हिस्ट्रीशीटर प्रवीण वसीटा की हत्या के लिए 3.5 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और इमरान, भगवानलाल उर्फ भगवतीलाल मीना (सलूंबर) और अनिकेत चौहान (उदयपुर) को पटेल सर्किल स्थित श्मशान घाट से हत्या की योजना बनाते समय गिरफ्तार कर लिया। अकेले इमरान के खिलाफ 38 मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या का प्रयास, डकैती, जबरन वसूली और जेल से भागने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह शहर में आतंक मचाने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर एक बड़े गैंगवार को टाल दिया। अब पुलिस ने फरार मास्टरमाइंड नरेश हरिजन की तलाश तेज कर दी है।
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