अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि ईडी चालू वित्त वर्ष के दौरान देश भर में रियल एस्टेट , पोंजी और अन्य धोखाधड़ी के पीड़ितों को लगभग 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति लौटाएगा।
दस्तावेजों से पता चलता है कि संघीय जांच एजेंसी ने पिछले साल धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत उपलब्ध परिसंपत्तियों की वापसी के लिए इस प्रावधान को लागू करना शुरू किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय अपराध धोखाधड़ी के शिकार वैध मालिकों और सही दावेदारों को उनके अधिकार वापस मिलें।
इस प्रावधान के तहत अब तक 2019-21 के बीच भगोड़े आर्थिक अपराधियों विजय माल्या और नीरव मोदी से जुड़े तीन मनी लॉन्ड्रिंग मामलों और नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) मामले में धोखाधड़ी के पीड़ितों को कुल 31,951 करोड़ रुपये वापस किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल जून में ईडी निदेशक राहुल नवीन ने मनी लॉन्ड्रिंग के उन सभी मामलों की व्यापक समीक्षा की थी, जहां धोखाधड़ी के पीड़ितों की संपत्ति वापस की जा सकती थी।
आंकड़ों के अनुसार , अगस्त 2024 से अप्रैल 2025 तक ईडी ने 15,261.15 करोड़ रुपये (वित्तीय वर्ष 2024-25) और चालू वित्त वर्ष (2025-26) के दौरान 1488 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की ।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी प्रमुख ने हाल ही में एजेंसी के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की वसूली के लिए चिह्नित मामलों पर सक्रियता से काम करने के निर्देश जारी किए हैं।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की वर्तमान योजना के तहत सक्षम न्यायालय किसी भी मामले में सुनवाई पूरी होने से पहले निर्दोष निवेशकों की संपत्ति वापस करने की प्रक्रिया का आदेश दे सकता है।
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