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खराब सिबिल स्कोर है तो क्या हुआ? अब भी मिलेंगे पैसे! जानें राहत के रास्ते और इन्हें सुधारने के उपाय

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चूंकि मैं सीधे उस आर्टिकल को एक्सेस नहीं कर सकता, मैं उसके शीर्षक के आधार पर एक विस्तृत और मानव-अनुकूल हिंदी आर्टिकल तैयार कर रहा हूँ, जो “खराब सिबिल स्कोर वालों को बड़ी राहत” इस बात पर केंद्रित होगा कि खराब सिबिल स्कोर होने पर भी किन वित्तीय विकल्पों का सहारा लिया जा सकता है और कैसे अपने स्कोर को बेहतर बनाया जा

आजकल हर कोई जानता है कि बैंक से लोन लेने या क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए एक अच्छे सिबिल स्कोर का होना कितना ज़रूरी है। एक बढ़िया सिबिल स्कोर (आमतौर पर 750 या उससे अधिक) आपको न केवल आसानी से लोन दिलाता है, बल्कि कम ब्याज दरें भी ऑफर करता है। लेकिन, क्या होगा अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो? क्या इसका मतलब यह है कि आपको कभी आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी?

नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है! अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो भी निराशा होने की ज़रूरत नहीं है। कई ऐसे तरीके और वित्तीय उत्पाद हैं, जो आपको मुश्किल वक्त में राहत दे सकते हैं। साथ ही, आपका लक्ष्य हमेशा अपने सिबिल स्कोर को सुधारने का होना चाहिए ताकि भविष्य में आप बेहतर विकल्पों का लाभ उठा सकें। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ रास्ते और अपने सिबिल को ठीक करने के तरीके।

क्यों ज़रूरी है अच्छा सिबिल स्कोर, और खराब होने पर क्या दिक्कत आती है?

सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (आपने कितनी ईमानदारी से और समय पर कर्ज चुकाए हैं) का एक संख्यात्मक प्रतिनिधित्व है। बैंक और वित्तीय संस्थान इसे आपकी लोन चुकाने की क्षमता और नीयत का पैमाना मानते हैं।

  • अच्छा सिबिल (750+): होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन आदि आसानी से और आकर्षक दरों पर मिल जाते हैं।

  • खराब सिबिल (600 से कम): पारंपरिक बैंकों से लोन मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है। अगर मिलता भी है, तो बहुत ऊंची ब्याज दरों पर और कड़ी शर्तों के साथ। कई बार क्रेडिट कार्ड आवेदन भी खारिज हो जाते हैं।

खराब सिबिल स्कोर के बावजूद वित्तीय राहत पाने के तरीके:

अगर आपका सिबिल स्कोर नीचे गिर गया है, तो भी कुछ विकल्प मौजूद हैं जो आपको तत्काल राहत दे सकते हैं:

  • सुरक्षित ऋण (Secured Loans):

    • सोने पर ऋण (Gold Loan): यह सबसे तेज़ और आसान विकल्पों में से एक है। आप अपने सोने के आभूषणों के बदले लोन ले सकते हैं। चूंकि आप सुरक्षा के तौर पर सोना रखते हैं, बैंक या एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) कम ब्याज पर और कम कागजी कार्रवाई के साथ लोन दे देते हैं, भले ही आपका सिबिल स्कोर खराब हो।

    • स्थायी जमा (FD) के बदले ऋण: यदि आपके पास बैंक में एफडी (Fixed Deposit) है, तो आप उस पर लोन ले सकते हैं। इसमें एफडी की वैल्यू का 70-90% तक लोन मिल जाता है और यह काफी कम ब्याज दर पर होता है। इसमें सिबिल स्कोर की बहुत ज़्यादा जांच नहीं होती।

    • प्रॉपर्टी या शेयर के बदले ऋण (Loan against Property/Shares): यदि आपके पास कोई अचल संपत्ति या शेयर/म्यूचुअल फंड हैं, तो उनके बदले भी आप सुरक्षित ऋण ले सकते हैं।

    • गाड़ी के बदले लोन: कुछ एनबीएफसी पुरानी गाड़ी के बदले भी लोन प्रदान करती हैं, जो एक सुरक्षित लोन की श्रेणी में आता है।

  • सह-आवेदक या गारंटर के साथ ऋण (Loan with Co-applicant or Guarantor):

    • यदि आपके परिवार में किसी सदस्य (पति/पत्नी, माता-पिता या कोई करीबी रिश्तेदार) का सिबिल स्कोर अच्छा है, तो आप उनके साथ सह-आवेदक के रूप में या उन्हें गारंटर बनाकर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। बैंक गारंटर के अच्छे सिबिल स्कोर को भी देखते हैं, जिससे आपके आवेदन के अप्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है।

  • छोटे/नये ऋण देने वाले वित्तीय संस्थान (Small/New Age Lenders):

    • कुछ छोटी एनबीएफसी (NBFCs) या फिनटेक कंपनियां हैं, जो खराब सिबिल स्कोर वाले लोगों को भी लोन देती हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि इनकी ब्याज दरें पारंपरिक बैंकों की तुलना में काफी ज़्यादा हो सकती हैं। इन पर आवेदन करते समय पूरी रिसर्च करें और छिपी हुई शर्तों से सावधान रहें।

  • सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured Credit Card):

    • यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है जो अपना सिबिल स्कोर बनाना या सुधारना चाहते हैं। इसमें आपको एक छोटी सी राशि (जैसे ₹5,000 – ₹20,000) फिक्स्ड डिपॉजिट के तौर पर बैंक में जमा करनी होती है। इसी FD की लिमिट तक का आपको क्रेडिट कार्ड मिलता है। इस कार्ड का जिम्मेदारी से उपयोग करके और बिलों का समय पर भुगतान करके आप अपना सिबिल स्कोर तेजी से सुधार सकते हैं।

  • माइक्रोफाइनेंस संस्थान (Microfinance Institutions):

    • ये संस्थान छोटे ऋणों की ज़रूरतों को पूरा करते हैं, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में। इनका मुख्य लक्ष्य वंचित तबके तक पहुंच बनाना होता है, और वे सिबिल स्कोर से ज़्यादा उधारकर्ता की भुगतान क्षमता और चरित्र पर ध्यान देते हैं।

  • पीयर-टू-पीयर (P2P) लेंडिंग प्लेटफॉर्म:

    • ये ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जहाँ व्यक्तिगत निवेशक सीधे उधारकर्ताओं को पैसा उधार देते हैं। सिबिल स्कोर महत्वपूर्ण होता है, लेकिन कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे उधारकर्ताओं को भी मौका देते हैं जिनका स्कोर खराब है, बशर्ते वे इसकी वजह बता सकें और अच्छी कमाई करते हों। हालाँकि, यहाँ ब्याज दरें भी काफी अधिक हो सकती हैं।

  • साथ ही, अपने सिबिल स्कोर को सुधारने पर ध्यान दें:

    सबसे अच्छी और स्थायी राहत तो अपने सिबिल स्कोर को मजबूत बनाना ही है।

  • समय पर भुगतान करें: यह सबसे महत्वपूर्ण है। अपनी ईएमआई (EMI) और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान कभी न चूकें और हमेशा समय पर करें।

  • क्रेडिट उपयोग कम करें: अपनी उपलब्ध क्रेडिट लिमिट का 30% से ज़्यादा इस्तेमाल न करें। उदाहरण के लिए, यदि आपकी क्रेडिट लिमिट ₹1 लाख है, तो ₹30,000 से अधिक खर्च न करें।

  • गलतियाँ ठीक करवाएं: अपनी क्रेडिट रिपोर्ट नियमित रूप से जांचें (आप सिबिल वेबसाइट से सालाना एक मुफ्त रिपोर्ट ले सकते हैं)। यदि कोई गलती है, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं।

  • पुराने क्रेडिट खाते सक्रिय रखें: यदि आपके पास पुराने, अच्छी तरह से प्रबंधित क्रेडिट खाते हैं, तो उन्हें बंद न करें।

  • बार-बार आवेदन न करें: एक साथ कई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से बचें, क्योंकि यह आपके सिबिल को अस्थायी रूप से नीचे खींचता है।

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