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Bihar Controversy : प्रशांत किशोर अब जाएंगे अदालत ,जदयू मंत्री ने दायर किया मानहानि का मुक़दमा, जानें पूरा मामला

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News India Live, Digital Desk: Bihar Controversy : बिहार की राजनीति में अपनी बयानबाजी और रणनीति के लिए जाने जाने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की मुश्किलें थोड़ी बढ़ गई हैं. पटना के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट ने उन्हें मानहानि के एक पुराने मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है. यह मामला जेडीयू (JDU) के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) ने 2017 में प्रशांत किशोर के ख़िलाफ दर्ज़ कराया था.यह घटना उस समय की है, जब बिहार की राजनीति में गठबंधन बदलने के बाद राजनीतिक गर्मागर्मी तेज़ी पर थी. दरअसल, 2017 में प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट के ज़रिए कुछ टिप्पणियाँ की थीं, जिनमें उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अशोक चौधरी और जेडीयू पर निशाना साधा था. प्रशांत किशोर के उस ट्वीट पर अशोक चौधरी ने तीखी आपत्ति जताई थी और उन्हें लीगल नोटिस भेजा था. इसके बाद अशोक चौधरी ने मानहानि का दावा करते हुए पटना सिविल कोर्ट में मुकदमा दर्ज़ कर दिया था. उनका आरोप था कि प्रशांत किशोर ने अपने बयानों और ट्वीट के ज़रिए उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुँचाया है और उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए हैं.अब करीब आठ साल बाद, इस मामले ने फिर से तूल पकड़ा है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशांत किशोर को आदेश दिया है कि वे 30 सितंबर 2025 को सुबह 10:30 बजे कोर्ट में खुद पेश होकर अपना पक्ष रखें. ऐसा लगता है कि अब इस मामले में कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ेगी.प्रशांत किशोर की राजनीतिक यात्रा अक्सर विवादों और सुर्खियों में रही है. चाहे वह बीजेपी, जेडीयू, टीएमसी या कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम करना हो, या बिहार में अपनी 'जन सुराज' पदयात्रा निकालना हो, वे हमेशा से मुखर रहे हैं. ऐसे में उनके ख़िलाफ मानहानि के मामले में कोर्ट का यह आदेश सियासी गलियारों में खूब चर्चा का विषय बन गया है.अब देखना होगा कि प्रशांत किशोर कोर्ट में क्या पक्ष रखते हैं और इस कानूनी लड़ाई का अंजाम क्या होता है. यह मामला निश्चित तौर पर बिहार की राजनीति और मीडिया दोनों में आने वाले दिनों में और ज़्यादा जगह बनाएगा.
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