फैटी लिवर डिजीज अब सिर्फ शराब पीने वालों की समस्या नहीं रही। बदलती जीवनशैली, मोटापा और असंतुलित खानपान की वजह से यह बीमारी अब आम हो गई है। जानिए डॉक्टर की राय, इसके प्रकार, कारण, और कैसे आप अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं।
फैटी लिवर डिजीज: आधुनिक जीवनशैली की साइलेंट महामारी
आज के समय में फैटी लिवर डिजीज बहुत तेजी से बढ़ रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह बीमारी अब सिर्फ शराब पीने वालों तक सीमित नहीं रही। दिल्ली के सीके बिड़ला हॉस्पिटल में मिनिमल एक्सेस, जीआई एंड बैरिएट्रिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. सुखविंदर सिंह सग्गू बताते हैं कि यह बीमारी अब एक ‘साइलेंट महामारी’ बन चुकी है, खासतौर पर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)।
जब लिवर की कोशिकाओं में चर्बी इकट्ठा होने लगती है, तो उसे फैटी लिवर डिजीज कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है:
अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) – यह अत्यधिक शराब पीने से होती है।
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) – यह बिना शराब पिए भी हो सकती है, खासकर मोटापा, डायबिटीज और अनहेल्दी लाइफस्टाइल वाले लोगों में।
जिन लोगों की शराब की लत होती है, उनका लिवर समय के साथ फैट को ब्रेक डाउन नहीं कर पाता, जिससे लिवर सेल्स डैमेज होने लगते हैं। अगर शराब का सेवन जारी रहता है, तो AFLD हेपेटाइटिस, सिरोसिस या लिवर फेलियर तक पहुंच सकता है।
मुख्य कारण:
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अत्यधिक शराब पीना
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पोषण की कमी
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पहले से हेपेटाइटिस बी/सी का संक्रमण
समाधान:
अगर समय रहते शराब का सेवन पूरी तरह छोड़ दिया जाए और हेल्दी जीवनशैली अपनाई जाए तो AFLD को शुरुआती चरण में रोका जा सकता है।
यह उन लोगों में पाया जाता है जो शराब नहीं पीते लेकिन फिर भी फैटी लिवर से पीड़ित होते हैं।
मुख्य कारण:
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मोटापा
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टाइप-2 डायबिटीज
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हाई कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स
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शारीरिक निष्क्रियता
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तैलीय और फास्ट फूड
NAFLD की सबसे खतरनाक बात यह है कि यह बिना लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ती है। जब तक यह गंभीर रूप न ले, तब तक लोग इसे पहचान नहीं पाते। इसका अगला चरण होता है नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH), जिसमें लिवर में सूजन और डैमेज होता है।
कौन सी स्थिति ज्यादा खतरनाक है?दोनों ही प्रकार की फैटी लिवर डिजीज गंभीर हो सकती हैं और लिवर कैंसर या मौत का कारण भी बन सकती हैं। लेकिन NAFLD अधिक तेजी से फैल रही है क्योंकि इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता और यह अन्य बीमारियों के साथ जुड़ी होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति युवाओं और शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है और इसे पहचानना मुश्किल होता है।
कैसे करें लिवर की सुरक्षा?-
शराब से पूरी तरह दूरी बनाएं, विशेष रूप से अगर पहले से लिवर की समस्या है।
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नियमित व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें।
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संतुलित आहार लें – फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन को डाइट में शामिल करें।
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ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखें – जरूरत हो तो डॉक्टर से दवाएं लें।
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नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें, खासकर अगर आप रिस्क ग्रुप में हैं।
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