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Uddhav Thackeray पर 'आधुनिक दुर्योधन' का वार, शिंदे सेना ने राज ठाकरे को लेकर लगाए तीखे आरोप

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Uddhav Thackeray पर ‘आधुनिक दुर्योधन’ का वार, शिंदे सेना ने राज ठाकरे को लेकर लगाए तीखे आरोप

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से ठाकरे परिवार केंद्र में है। बीते 24 घंटों से लगातार यह चर्चा चल रही है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे करीब आ सकते हैं। हालांकि इस संभावित सुलह की अटकलों के बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है और उन्हें ‘आधुनिक दुर्योधन’ तक कह डाला है।

शिवसेना (शिंदे गुट) का हमला: उद्धव ‘आधुनिक दुर्योधन’
  • ठाणे से शिवसेना सांसद और प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना में कभी आगे नहीं बढ़ने दिया।

  • उन्होंने कहा कि जब बाल ठाकरे ने राज ठाकरे को कुछ बड़ी जिम्मेदारियां सौंपने की पेशकश की थी, तब उद्धव ने उसका कड़ा विरोध किया।

राज ठाकरे की ओर झुकाव सिर्फ हताशा?
  • म्हस्के का कहना है कि उद्धव ठाकरे का राज ठाकरे की ओर हालिया झुकाव, उनके घटते जनाधार और राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने की हताशा का परिणाम है।

  • उन्होंने तंज कसते हुए कहा,”शिवसेना (यूबीटी) के पास अब भीड़ जुटाने वाले नेता नहीं हैं, इसलिए वे अब राज ठाकरे की ओर उम्मीद से देख रहे हैं।”

‘राज ठाकरे नहीं फंसेंगे जाल में’
  • म्हस्के ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के ‘डूबते जहाज’ में शामिल नहीं होंगे।

  • उन्होंने कहा,”राज ठाकरे भोले-भाले नेता नहीं हैं। उन्हें पहले शिवसेना से निकाला गया था, अब वे क्यों वापस आएंगे?”

हिंदुत्व पर दोहरे मापदंड का आरोप
  • शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व को लेकर ‘दोहरे मानदंड’ अपनाने का भी आरोप लगाया:

    • वक्फ संशोधन विधेयक पर समर्थन नहीं दिया।

    • कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को माध्यम बनाने के विरोध को केवल वोट बैंक की राजनीति करार दिया।

राहुल गांधी पर भी हमला
  • नरेश म्हस्के ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा:”वो विदेशों में बयानबाज़ी करते हैं लेकिन संसद में ज़रूरी मुद्दे नहीं उठाते।”

राज-उद्धव की सुलह की चर्चा क्यों?
  • हाल में राज और उद्धव दोनों ने बयान दिए थे कि “तुच्छ मुद्दों को भुलाया जा सकता है।”

  • इससे यह अटकलें तेज़ हो गईं कि दोनों ठाकरे नेता दो दशकों बाद फिर हाथ मिला सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषण
  • उद्धव ठाकरे के लिए 2024 की चुनावी रणनीति में राज ठाकरे का समर्थन भीड़ जुटाने और हिंदुत्व के मुद्दे पर धार देने के लिए अहम हो सकता है।

  • वहीं, शिंदे गुट को लगता है कि यह सुलह उनके लिए सीधी राजनीतिक चुनौती बन सकती है, इसलिए वे पहले ही सियासी पलटवार में जुट गए हैं।

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