गर्मी से हैं परेशान? आजमाएं आयुर्वेद का ये ठंडा नुस्खा – खसखस!
आयुर्वेद में ना, सेहतमंद रहने और बीमारियों से बचने के कई अद्भुत तरीके बताए गए हैं। ये नुस्खे न सिर्फ हमारे शरीर को, बल्कि मन को भी सुकून और संतुलन देते हैं। इन्हीं खास चीजों में से एक है – खसखस।
ये छोटे-छोटे दिखने वाले दाने असल में गुणों का खजाना हैं। सबसे बड़ी बात, इनकी तासीर ठंडी होती है, जो इन्हें गर्मियों के लिए एक लाजवाब सुपरफूड बनाती है। ग्लोबल इटरनल आयुर्वेद संगठन से जुड़े पंचकर्म एक्सपर्ट और न्यूरोथेरेपिस्ट, डॉ. कुणाल शंकर का कहना है कि अगर खसखस को नियमित रूप से और सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो यह शरीर की बढ़ी हुई गर्मी को कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह पाचन को बेहतर बनाता है और गर्मियों में होने वाली त्वचा की समस्याओं से भी राहत दिला सकता है।
खसखस: क्यों है इतना खास?
डॉ. शंकर पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘भैषज्य रत्नावली’ का हवाला देते हुए बताते हैं कि इसमें खसखस (जिसे ‘उशीरा’ भी कहते हैं) को पाचन सुधारने वाला, शरीर को ठंडक देने वाला (शीतल), बुखार कम करने वाला (ज्वरनाशक), और सूजन घटाने वाला माना गया है। यह न सिर्फ शरीर की गर्मी को संतुलित करता है, बल्कि जब आप थका हुआ, घबराया हुआ या बेचैन महसूस कर रहे हों, तब भी यह आराम पहुंचा सकता है।
पोषक तत्वों की बात करें तो खसखस में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन जैसे जरूरी तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसमें मौजूद जिंक हमारी इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की ताकत को बढ़ाता है, जिससे मौसम बदलने पर होने वाली बीमारियों से बचाव होता है। ओमेगा-6 फैटी एसिड दिल की सेहत के लिए अच्छे होते हैं, और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को अंदरूनी नुकसान से बचाते हैं। इसके अलावा, यह प्यास बुझाने, घाव भरने और तेज दर्द को कम करने में भी मददगार माना जाता है।
गर्मी से राहत का आसान घरेलू उपाय
गर्मियों में खसखस का शरबत पीना एक बहुत ही बढ़िया तरीका है शरीर को अंदर से ठंडा रखने का। यह आपको डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी से भी बचाता है। अगर पेट में जलन या एसिडिटी की शिकायत हो, तो यह उसे भी शांत करने में मदद करता है। आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि खसखस का पानी पेट के पीएच लेवल को संतुलित करता है और मन को भी शांति देता है।
कुछ पारंपरिक नुस्खों के अनुसार:
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खसखस का पाउडर घी के साथ लेने से दिल से जुड़े दर्द में राहत मिल सकती है।
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इसे मुनक्का के साथ मिलाकर खाने से शरीर के अन्य दर्द कम हो सकते हैं।
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उल्टी या जी मिचलाने पर भी यह काफी असरदार माना गया है, खासकर अगर इसे पुदीने के अर्क के साथ लिया जाए।
लेकिन, थोड़ी सावधानी भी जरूरी है
जहां खसखस इतना फायदेमंद है, वहीं डॉ. शंकर इसे बहुत ज्यादा मात्रा में न लेने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि इसे सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा खाने से सुस्ती या नींद जैसा महसूस हो सकता है। गर्भवती महिलाओं और जिन लोगों को किसी तरह के नशे की लत रही हो, उन्हें खसखस का इस्तेमाल करने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
तो, अगली बार जब गर्मी सताए, तो इस छोटे से दाने यानी खसखस को जरूर याद करें!
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