रियाद: सऊदी अरब मे इस महीने यानी जून में होने वाले हज के लिए दुनियाभर से दस लाख से ज्यादा मुस्लिम पहुंचे हैं। सऊदी सरकार ने हज यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कदम पहली बार उठाए हैं। इस साल खासतौर से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल हज यात्रा को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है। मक्का और मदीना में रोबोट से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तक का इस्तेमाल स्थानीय प्रशासन कर रहा है ताकि भीषण गर्मी के बीच हाजी आसानी से अपने धार्मिक अनुष्ठान पूरे कर सकें।
मक्का और मदीना की ग्रैंड मस्जिद के मामलों की जनरल प्रेसीडेंसी ने बताया है कि इस साल कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पहली बार तैनात हुए हैं। इसमें एआई रोबोट मनारह-2 भी शामिल है, जो तीर्थयात्रियों को गाइड करेगा। मनारह-2 11 उर्दू समेत भाषाओं में बात कर सकता है और इस्लाम-हदीस से जुड़े सवालों का दवाब भी देता है। ग्रैंड मस्जिद में 21 इंच का टचस्क्रीन, 5G नेटवर्क और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा भीड़ को ट्रैक करने के लिए ग्राउंड सेंसर, गेट रीडर और एआई-सक्षम निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
तकनीक के सहारे भीड़ पर कंट्रोलहाजियों की जानकारी और फुटेज को ट्रैक करने के लिए ड्रोन के एक उन्नत बेड़े का इस्तेमाल किया जाएगा। नए एआई सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए स्थानीय बॉडी त्वरित प्रतिक्रिया दे सकेंगी। यह संभावित भगदड़ से बचने में मददगार साबित होगा। हाजियों की सेवा के लिए मुख्य स्थानों पर बहुभाषी स्मार्ट स्क्रीन लगाए जाएंगे। इससे वास्तविक समय की जानकारी और सहायता प्रदान की जा सकेगी। इनके अलावा विविध पृष्ठभूमि के हज यात्रियों के लिए धार्मिकऔर शैक्षिक सहायता प्रदान करने वाली विशिष्ट पहल इस्तेमाल में लाई जाएंगी।
सऊदी अरब ने साल 2025 के लिए हज की तारीखों की जानकारी देते हुए बताया है कि मक्का में होने वाली सालाना हज तीर्थयात्रा 4 जून से शुरू हो रही है।सऊदी के हज मंत्री तौफीक अल-रबिया ने बताया कि दुनियाभर से करीब 10 लाख लोग हज यात्रा के लिए उनके देश में आ चुके हैं। पिछले साल 18 लाख मुसलमानों ने हज तीर्थयात्रा में हिस्सा लिया था। हज इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है। इस्लाम में आर्थिक रूप से संपन्न मुसलमानों के लिए जीवन में एक बार करना फर्ज है।
मक्का और मदीना की ग्रैंड मस्जिद के मामलों की जनरल प्रेसीडेंसी ने बताया है कि इस साल कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पहली बार तैनात हुए हैं। इसमें एआई रोबोट मनारह-2 भी शामिल है, जो तीर्थयात्रियों को गाइड करेगा। मनारह-2 11 उर्दू समेत भाषाओं में बात कर सकता है और इस्लाम-हदीस से जुड़े सवालों का दवाब भी देता है। ग्रैंड मस्जिद में 21 इंच का टचस्क्रीन, 5G नेटवर्क और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा भीड़ को ट्रैक करने के लिए ग्राउंड सेंसर, गेट रीडर और एआई-सक्षम निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
तकनीक के सहारे भीड़ पर कंट्रोलहाजियों की जानकारी और फुटेज को ट्रैक करने के लिए ड्रोन के एक उन्नत बेड़े का इस्तेमाल किया जाएगा। नए एआई सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए स्थानीय बॉडी त्वरित प्रतिक्रिया दे सकेंगी। यह संभावित भगदड़ से बचने में मददगार साबित होगा। हाजियों की सेवा के लिए मुख्य स्थानों पर बहुभाषी स्मार्ट स्क्रीन लगाए जाएंगे। इससे वास्तविक समय की जानकारी और सहायता प्रदान की जा सकेगी। इनके अलावा विविध पृष्ठभूमि के हज यात्रियों के लिए धार्मिकऔर शैक्षिक सहायता प्रदान करने वाली विशिष्ट पहल इस्तेमाल में लाई जाएंगी।
सऊदी अरब ने साल 2025 के लिए हज की तारीखों की जानकारी देते हुए बताया है कि मक्का में होने वाली सालाना हज तीर्थयात्रा 4 जून से शुरू हो रही है।सऊदी के हज मंत्री तौफीक अल-रबिया ने बताया कि दुनियाभर से करीब 10 लाख लोग हज यात्रा के लिए उनके देश में आ चुके हैं। पिछले साल 18 लाख मुसलमानों ने हज तीर्थयात्रा में हिस्सा लिया था। हज इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है। इस्लाम में आर्थिक रूप से संपन्न मुसलमानों के लिए जीवन में एक बार करना फर्ज है।
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