पूर्वी चंपारण: पुलिस पीड़ित से मेडिकल कराने और न्यायालय में बयान करने के लिए सुविधाओं की मांग करती है। वह भी आरामदायक चार चक्के वाहन की सुविधा। ऐस ही एक मामला जिले के हरसिद्धि थाना से आया है। जहां रेप पीड़ित किशोरी के इलाज, मेडिकल जांच में वाहन की सुविधा की मांग करते ऑडियो वायरल हो रहा है। ऑडियो के वायरल होने पर मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने मामले की जांच कराया है। मामला सही पाये जाने पर एसपी ने हरसिद्धि थाना के महिला दारोगा को निलंबित कर दिया है। दारोगा पर एक्शनपीड़ित 17 वर्षीय किशोरी को घर मे अकेला पाकर उसका ममेरा भाई ने ही उसके साथ मुंह काला किया। जिसकी जानकारी परिजनों ने घटना के दिन 27 अप्रैल को हरसिद्धि थाना को दिया। दो दिनों तक थाने में न्याय की गुहार लगाने के बाद पुलिस पीड़ित को गाड़ी की व्यवस्था कर लेन की बात कर टालती रही। 29 अप्रैल को पीड़ित द्वारा बोलेरो लेन के बाद एफआईआर दर्ज किया और मेडिकल के लिये मोतिहारी सदर अस्पताल लाया। फिर न्यायालय में बयान दर्ज करने के लिये चार चक्का वाहन देने की मांग की गई। ममेरे भाई ने किया रेपबताया जाता है कि ममेरे भाई ने अपनी ही फुफेरी बहन को घर में अकेला पाकर रेप की घटना को अंजाम दिया है। पीड़िता द्वारा शोर मचाए जाने के बाद आस- पास की महिलाएं जमा हो गई और आरोपी को घर में बंद कर दिया। जैसे ही इस बात की सूचना आरोपी के घर वालों को लगा वे सभी पीड़िता के घर आकर शोर गुल करते हुए आरोपी युवक को छुड़ाकर अपने साथ लेकर चले गए। जिसके बाद पीड़िता और उसकी मां थाने पहुंची जहां 2 दिनों तक पीड़िता को थाने पर दौड़ाने के बाद पुलिस उसका मेडिकल जांच कराई। पुलिस की इस कार्रवाई से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। आख़िर पीड़ित जब घटना 27 तारीख को थाने पहुंची तो पुलिस ने 29 को क्यों मेडिकल कराया। एसपी ने लिया संज्ञानसवाल ये भी उठ रहा हैकि क्या आरोपी को पुलिस लाभ पहुँचाना चाह रही थी। पीड़िता कि मां ने बताया कि उसकी मां (पीड़िता की नानी) का ऑपरेशन होना था। उसके देखभाल करने के लिए मै और मेरी 17 वर्षीय बेटी मायके आयी थी, जिस दिन घटना घटित हुआ, उस दिन मैं अपनी मां को लेकर डॉक्टर के पास गई थी। घर में मेरी बेटी अकेली थी। इसी का फायदा उठाते हुए सेराज अंसारी ने बेटी के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया है। जब मुझे पता चला तो मैं हॉस्पिटल से घर आई तो बेटी ने पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद बेटी को ले कर तीन चार बजे हरसिद्धि थाना पहुंची। परिजनों का आरोप परिजनों ने बताया कि थाने पर मौजूद पिंकी मैडम से मुलाक़ात हुई। उन्होंने कहा कि आवेदन लिखकर दे दो, आवेदन दी तो मैडम बोली की ठीक है कल दस बजे हम आएंगे। अगले दिन भर पुलिस का इंतज़ार किए, जब फोन करते तो बोलती कि आ रहे हैं, लेकिन पुलिस सुधि लेने नहीं पहुंची, 29 अप्रैल को 10 बजे थाने पहुंची। तब पिंकी मैडम ने कहा कि केस तो कर रही हो लेकिन खर्च भी लगेगा। सोच लो क्या करना है। मेडिकल में छह सात हजार रुपया ख़र्चा आएगा। इसके अलावे गाड़ी का भाड़ा तुमको देना होगा। फॉरेंसिक जांच में होगी। उसका भी ख़र्चा तुम्हे दी देना होगा। महिला दारोगा निलंबित परिजनों ने कहा कि जब सब कुछ हमने स्वीकार लिया तब जाकर मेडिकल के लिए मेरी बेटी को सदर हॉस्पिटल ले कर गई। हालांकि वहां जाने के बाद मात्र मेरा दो हजार 25 सौ रुपया ख़र्चा हुआ। पीड़ित परिवार का आरोप है कि 27 की दोपहर में पीड़िता से रेप कि घटना घटित हुई चार बजे के क़रीब थाने पहुंचे और लिखित रूप से पुलिस को आवेदन दे कर घटना की जानकारी दी। इसके बावजूद 29 तारीख़ को पुलिस मेडिकल जांच कराने के लिए लेकर गई। आख़िर दो दिनों तक पुलिस ने मेडिकल जांच क्यों नहीं कराया, क्या आरोपी को इसका लाभ पहुंचा चाह रही थी। एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि इस तरह कि सूचना मिली है। मामले की जांच अरेराज एसडीपीओ से कराया गया है। वायरल ऑडियो को सही पाकर हरसिद्धि थाना के महिला एसआई पिंकी कुमारी को निलंबित किया गया है।
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