दुबई: दिवाली के ठीक पहले दुबई में एक 18 वर्षीय भारतीय छात्र की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। मरने वाला छात्र वैष्णव कृष्ण कुमार यूएई गोल्डन वीजा धारक था। वह मिडिलसेक्स यूनिवर्सिटी दुबई में बीबीए मार्केटिंग के फर्स्ट ईयर में पढ़ रहा था। लक्ष्मी पूजा के दिन मंगलवार देर रात अपने घर के बाहर दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। वैष्णव जेम्स अवर ओन इंडियन स्कूल का एक मेधावी छात्र था। स्कूल की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि हमें अपने पूर्व छात्र और स्कूल की छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष वैष्णव कृष्णकुमार (बैच 2024-25) के आकस्मिक निधन की दुखद खबर साझा करते हुए गहरा दुख हो रहा है।
मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी दुबई ने दी श्रद्धांजलि
मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी दुबई ने भी वैष्णव को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने खलीज टाइम्स को दिए एक बयान में कहा कि हमें अपने छात्र समुदाय के एक महत्वपूर्ण सदस्य वैष्णव कृष्णकुमार के निधन की दुखद खबर साझा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। वैष्णव एक उत्कृष्ट छात्र थे। उनके शैक्षणिक योगदान के लिए उनका सम्मान किया जाता था और उनके आसपास के लोगों के प्रति उनकी दयालुता, विनम्रता और गर्मजोशी के लिए हमेशा उनकी प्रशंसा की जाती थी। हम इस कठिन समय में कृष्णकुमार परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। हम उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कौन थे वैष्णव कृष्ण कुमार?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वैष्णव 21 अक्टूबर को दुबई इंटरनेशनल एकेडमिक सिटी में दिवाली समारोह के दौरान कार्डियक अरेस्ट से अचेत हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाने के सभी प्रयास विफल रहे और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मूल रूप से केरल के त्रिशूर जिले के कुन्नमकुलम के रहने वाले वैष्णव ने अपने शैक्षणिक प्रदर्शन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। उन्होंने 2024 की सीबीएसई कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। उन्होंने सभी विषयों में A1 ग्रेड प्राप्त किए और मार्केटिंग एवं उद्यमिता में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें असाधारण छात्रों के लिए यूएई गोल्डन वीज़ा दिलाया।
बढ़ाई में थे अव्वल
अकादमिक क्षेत्र के अलावा वैष्णव नेतृत्व और पाठ्येतर गतिविधियों में भी सक्रिय थे। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने मॉडल यूनाइटेड नेशंस (MUN) में कई भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने शुरुआत में एक प्रतिनिधि और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। बाद में उपाध्यक्ष और अंततः अध्यक्ष बने। उन्होंने नए प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और सम्मेलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने केंडल एआई में इंटर्नशिप के माध्यम से पेशेवर अनुभव भी प्राप्त किया। और दुबई में यूनिप्लस में कार्यरत थे। उन्होंने सोशल मीडिया मार्केटिंग, बिक्री और ग्राहक संबंध जैसे क्षेत्रों में काम किया।
केरल शव लाने की तैयारी
वैष्णव के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए केरल भेजने की व्यवस्था की जा रही है। उनके अचानक चले जाने से दुबई के शैक्षणिक और प्रवासी भारतीय समुदाय में एक बड़ा खालीपन आ गया है। वे न केवल एक उत्कृष्ट छात्र के रूप में जाने जाते थे, बल्कि एक होनहार और महत्वाकांक्षी युवा नेता के रूप में भी जाने जाते थे।
परिवार में कौन-कौन?
उनके माता-पिता वीजी कृष्णकुमार औरविधु कृष्णकुमार जेम्स अवर ओन इंडियन स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वैष्णव को पहले कोई हृदय रोग नहीं था और वे नियमित रूप से व्यायाम करते थे। वे स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक थे। उनके परिवार में उनकी मां, पिता और छोटी बहन वृष्टि हैं।
मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी दुबई ने दी श्रद्धांजलि
मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी दुबई ने भी वैष्णव को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने खलीज टाइम्स को दिए एक बयान में कहा कि हमें अपने छात्र समुदाय के एक महत्वपूर्ण सदस्य वैष्णव कृष्णकुमार के निधन की दुखद खबर साझा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। वैष्णव एक उत्कृष्ट छात्र थे। उनके शैक्षणिक योगदान के लिए उनका सम्मान किया जाता था और उनके आसपास के लोगों के प्रति उनकी दयालुता, विनम्रता और गर्मजोशी के लिए हमेशा उनकी प्रशंसा की जाती थी। हम इस कठिन समय में कृष्णकुमार परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। हम उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कौन थे वैष्णव कृष्ण कुमार?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वैष्णव 21 अक्टूबर को दुबई इंटरनेशनल एकेडमिक सिटी में दिवाली समारोह के दौरान कार्डियक अरेस्ट से अचेत हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाने के सभी प्रयास विफल रहे और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मूल रूप से केरल के त्रिशूर जिले के कुन्नमकुलम के रहने वाले वैष्णव ने अपने शैक्षणिक प्रदर्शन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। उन्होंने 2024 की सीबीएसई कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। उन्होंने सभी विषयों में A1 ग्रेड प्राप्त किए और मार्केटिंग एवं उद्यमिता में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें असाधारण छात्रों के लिए यूएई गोल्डन वीज़ा दिलाया।
बढ़ाई में थे अव्वल
अकादमिक क्षेत्र के अलावा वैष्णव नेतृत्व और पाठ्येतर गतिविधियों में भी सक्रिय थे। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने मॉडल यूनाइटेड नेशंस (MUN) में कई भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने शुरुआत में एक प्रतिनिधि और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। बाद में उपाध्यक्ष और अंततः अध्यक्ष बने। उन्होंने नए प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और सम्मेलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने केंडल एआई में इंटर्नशिप के माध्यम से पेशेवर अनुभव भी प्राप्त किया। और दुबई में यूनिप्लस में कार्यरत थे। उन्होंने सोशल मीडिया मार्केटिंग, बिक्री और ग्राहक संबंध जैसे क्षेत्रों में काम किया।
केरल शव लाने की तैयारी
वैष्णव के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए केरल भेजने की व्यवस्था की जा रही है। उनके अचानक चले जाने से दुबई के शैक्षणिक और प्रवासी भारतीय समुदाय में एक बड़ा खालीपन आ गया है। वे न केवल एक उत्कृष्ट छात्र के रूप में जाने जाते थे, बल्कि एक होनहार और महत्वाकांक्षी युवा नेता के रूप में भी जाने जाते थे।
परिवार में कौन-कौन?
उनके माता-पिता वीजी कृष्णकुमार औरविधु कृष्णकुमार जेम्स अवर ओन इंडियन स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वैष्णव को पहले कोई हृदय रोग नहीं था और वे नियमित रूप से व्यायाम करते थे। वे स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक थे। उनके परिवार में उनकी मां, पिता और छोटी बहन वृष्टि हैं।
You may also like

2002 में होने वाली भारत-पाक के बीच जंग... पूर्व CIA एजेंट ने परवेज मुशर्रफ को लेकर किए सनसनीखेज खुलासे

पीएम मोदी: भारत ने ब्रिटेन और अन्य देशों के साथ निवेश और व्यापार समझौते बढ़ाए

जैसे पति को सुधारा वैसे ही.. मोकामा में 'छोटे सरकार बनाम सूरजभान' की जंग में कौन किस पर भारी?

बांके बिहारी मंदिर खुलने का समय बदला, अब इतने बजे से ठाकुर जी देंगे दर्शन, नया शेड्यूल जारी

सूरजपुर वेटलैंड बनेगा इको-टूरिज्म का मॉडल, जिलाधिकारी मेधा रूपम ने किया निरीक्षण




