अमरावती : देश में अब गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल डिलिवरी में गिरावट आ रही है। सीजेरियन यानी सी-सेक्शन से डिलवरी कराने में आंध्र प्रदेश टॉप राज्यों में शुमार है। राज्य में 56.62 फीसदी डिलीवरी अब सर्जरी से हो रही हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में सी-सेक्शन डिलीवरी की बढ़ती दर पर चिंता जताई है। उन्होंने इस हालात के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल के लालची डॉक्टरों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को इस समस्या का समाधान ढूंढने के निर्देश दिए हैं।
विधानसभा में सीएम चंद्राबाबू नायडू ने जताई चिंता
विधानसभा में सीएम चंद्राबाबू नायडू ने राज्य में सी-सेक्शन से बढ़ते रेश्यो पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि आंध्र में हो रहे सी-सेक्शन डिलिवरी का 90 फीसदी प्राइवेट हॉस्पिटलों में हो रही है। यह खतरनाक चलन है और मुनाफे के लिए बेवजह सर्जरी को रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर शुभ मुहूर्त के हिसाब से बच्चों की डिलिवरी करा रहे हैं, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि बिना मेडिकल जरूरत के इंसान के शरीर पर सर्जरी करना खतरनाक है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश की हेल्थ स्कीम डॉ. एनटीआर वैद्य सेवा ट्रस्ट का एक बड़ा हिस्सा सी-सेक्शन पर खर्च हो रहा है। इससे सरकारी धन का नुकसान हो रहा है।
प्राइवेट हॉस्पिटल नॉर्मल डिलिवरी को दें प्रायरिटी
सीएम नायडू ने स्वास्थ्य मंत्री वाई. सत्य कुमार यादव को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि सरकार प्राइवेट हॉस्पिटलों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रही है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सर्जरी केवल तभी की जाए जब यह चिकित्सकीय रूप से जरूरी हो। प्राइवेट हॉस्पिटल नॉर्मल डिलिवरी को प्रायरिटी दें। उनका लक्ष्य मातृ स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार करना है।
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