इन दिनों आए दिन अपने चेहरे, आवाज़, अंदाज पर रोक लगाने के लिए कोर्ट पहुंच रहे बॉलीवुड स्टार्स की ये खबरें सुनकर आम तौर पर हमारे जेहन में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या पहाड़ टूट गया, अगर किसी ने इनकी फोटो या आवाज यूज करके कोई मीम या विडियो बना लिया? कोई भला आदमी उन्हें देखकर थोड़ा हंस ही तो लेगा! कोई बेचारा इनकी नकल या मिमिक्री करके अपना पेट पाल ले रहा तो वो भी इनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा। लेकिन असल में यह मामला मिमिक्री, मीम या फनी विडियो का है ही नहीं, बल्कि कहीं ज्यादा भयावह और गंभीर है।
ये एक्टर्स अपनी पर्सनैलिटी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कोर्ट का सहारा इसलिए ले रहे हैं कि क्योंकि AI की आमद के बाद से इन सितारों के चेहरे, आवाज और इमेज आदि का दुरुपयोग करके धड़ल्ले से आपत्तिजनक डीपफेक विडियो बनाए जा रहे हैं। इनमें अश्लील विडियोज से लेकर विवादित बयानबाजी वाले कॉन्टेंट शामिल है। यही नहीं, इन एक्टर्स की पॉपुलैरिटी को भुनाते हुए इनके नाम पर तरह-तरह के प्रॉडक्ट बेचे रहे हैं, फर्जी एंडॉर्समेंट किए जा रहे हैं। यहां तक कि लॉटरी और आर्थिक घोटाले तक हो रहे हैं। ऐसे में, ये एक्टर्स अपनी इमेज और साख को सुरक्षित रखने के लिए कानूनी रास्ता अपना रहे हैं।
अक्षय को बना दिया महर्षि वाल्मीकिअक्षय कुमार के मामले का ही उदाहरण लीजिए। हाल ही में यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर उनका एक विडियो वायरल हुआ, जिसमें फेस स्वैप और वॉइस क्लोनिंग से उन्हें महर्षि वाल्मीकि के रूप में दिखाया गया। इस विडियो में वह धार्मिक विवाद भड़काने वाली बयानबाजी कर रहे थे। 24 घंटों में 12 मिलियन से ज्यादा व्यूज बटोरने वाले इस विडियो के चलते कुछ धार्मिक समुदायों में गुस्सा फैलने लगा। तब अक्षय ने तुरंत इंस्टाग्राम के जरिए विडियो को पूरी तरह फर्जी और शर्मनाक बताया। साथ ही, बॉम्बे हाईकोर्ट में पर्सनैलिटी राइट्स उल्लंघन, मानहानि, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए केस कर दिया। कोर्ट ने अक्षय को मामले में राहत दी। साथ ही यह विडियो हटा दिया गया।
ऋतिक के नाम पर फर्जी बिक्रीअक्षय के बाद बॉलिवुड के ग्रीक गॉड रितिक रोशन भी AI के मिसयूज का शिकार हुए। रितिक के नाम, तस्वीरों आदि के इस्तेमाल ने न केवल आपत्तिजनक मीम बनाए जा रहे थे, बल्कि ई-कॉमर्स साइट्स पर उनके चेहरे का इस्तेमाल करते हुए अनाधिकारिक रूप में मर्चेंडाइज आदि बेचा जा रहा था। इसके अलावा, रितिक का चेहरा के इस्तेमाल से अश्लील डीपफेक विडियो भी बनाया गया। इसलिए, रितिक ने भी अपने इमेज और पर्सनैलिटी की सुरक्षा के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में पर्सनैलिटी राइट्स उल्लंघन, मानहानि, साइबर क्राइम, अश्लील कंटेंट आदि के तहत केस दाखिल किया। मामले में कोर्ट ने रितिक को राहत दी। इन प्लैटफॉर्म द्वारा रितिक के वैयक्तिक अधिकारों के दुरुपयोग को जायज माना और ऐसे आपत्तिजनक कॉन्टेंट को हटाने की बात कही। हालांकि, कोर्ट ने आपत्तिनजक पोस्ट न करने वाले फैन पेजेज को हटाने से मना कर दिया।
ऐश्वर्या-अभिषेक की अश्लील लव स्टोरीजइसी तरह, पिछले महीने ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन भी अपने पर्सनैलिटी राइट्स सुरक्षित करने दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे। असल में, उनके चेहरे और आवाज का इस्तेमाल करके अश्लील लव स्टोरीज वाले विडियो बनाए गए थे। एक चैनल पर उनके AI से बने 259 से ज्यादा विडियो थे, जिन्हें 16.5 मिलियन से अधिक व्यूज मिले। इसलिए, इन सितारों ने यूट्यूब और गूगल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में 4 करोड़ रुपये का मुकदमा किया। इनका आरोप था कि ये विडियो न सिर्फ उनकी पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन करते हैं, बल्कि इन्हें अन्य AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट ने इन विडियोज को हटाने और प्लैटफॉर्म को सख्ती बरतने के आदेश दिए। इसके बाद यूट्यूब ने ऐसे सैकड़ों विडियो डिलीट किए।
आशा भोसले, कुमार सानू जैसे दिग्गजों पर भी खतराएक्टर्स ही नहीं, दिग्गज गायकों की सुरीली आवाज भी AI की चपेट में आ चुकी है। अभी हाल ही में लता मंगेशकर की आवाज में फिल्म 'सैयारा' का टाइटल गाना खूब वायरल हुआ। विडियो को 2.7 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले। बहुत से लोगों को लगा कि यह वाकई लता मंगेशकर का गाया कोई पुराना गाना है। इसके बाद, इसी महीने लेजेंड सिंगर आशा भोसले और कुमार सानू ने AI से उनकी आवाज कॉपी करके फर्जी गाने बनाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में केस किया। उनके भी कई ऐसे विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, जिसमें उनकी आवाज का दुरुपयोग किया गया था। कोर्ट ने सारे अनऑथराइज्ड कंटेंट हटाने के आदेश दिए, साथ ही प्लेटफॉर्म्स को AI ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल रोकने को कहा।
बिग बी ने बजाया था डीपफेक के खिलाफ बिगुलपर्सनैलिटी राइट्स और AI के मिसयूज के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले सितारों में बॉलीवुड के महानायक अग्रणी रहे। वह 2022 में अपनी पर्सनैलिटी राइट की सुरक्षा के लिए कोर्ट गए थे, क्योंकि उनके फोटो और आवाज़ का दुरुपयोग करके कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर फर्जी लॉटरी बेचकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। वहीं, एक जूलरी ब्रांड बिना अनुमति उनकी फोटो यूज कर रही है। तब कोर्ट ने उनके नाम, आवाज, फोटो और केबीसी के मशहूर कंप्यूटर जी और लॉक कर दिया जाए जैसे डायलॉग को उनकी परमिशन के बिना इस्तेमाल करने पर रोक लगाई थी। वह बीते साल वह अश्लील और फर्जी प्रोडक्ट प्रमोशन वाले डीपफेक विडियो के खिलाफ कोर्ट गए। उनका यह केस मील का पत्थर साबित हुआ। इस मामले में एक वायरल डीपफेक विडियो में बिग बी का चेहरा पॉर्नोग्राफिक विडियो पर स्वैप था। वहीं, वॉयस क्लोनिंग से उन्हें सेक्शुअल हेल्थ प्रोडक्ट्स प्रमोट करते भी दिखाया गया था। इसमें कोर्ट के आदेश पर सारे कॉन्टेंट हटाए गए। फेसबुक/इंस्टा ने ऐसे अकाउंट्स को सस्पेंड किया। जबकि, आरोपी को गिरफ्तार करके उसकी कंपनी बंद कर दी गई।
राम-लखन ने भी सुरक्षित की अपनी पर्सनैलिटीबिग के बाद बॉलिवुड के राम-लखन यानी जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी अपने पर्सनैलिटी राइट्स सुरक्षित करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे थे। जैकी दादा की फोटो का इस्तेमाल करके उनके नाम से फर्जी टी-शर्ट्स, मग्स, पोस्टर्स बेचे जा रहे थे, जिनकी काफी तादाद में अनऑथराइज्ड सेल्स हुई। वहीं, AI बॉट्स (जैसे Character.AI) में जैकी श्रॉफ की आवाज़, इमेज और निकनेम का इस्तेमाल करके यूजर्स से पैसे ऐंठे जा रहे थे। इसके अलावा, डीपफेक वीडियो में AI से उनका चेहरा/वॉइस स्वैप करके फिटनेस प्रोडक्ट्स के फर्जी एंडोर्समेंट किए जा रहे थे। बाद में, उनके डीपफेक पॉर्न विडियो भी बना डाले। वहीं, अनिल कपूर के चेहरे/आवाज में भी फर्जी विडियो बनाए गए। उनके मशहूर तकिया कलाम 'झक्कास' के साथ फर्जी ऐड्स बनाए गए, जिसे 5 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले। कोर्ट ने इन दोनों के भी हक में फैसला सुनाया।
बहुत बड़ा खतरा है ये AI रूपी विलेनकानून के जानकारों के मुताबिक, जिस तेजी से AI हमारी जिंदगी में घुस रहा है, उतने ही ज्यादा उससे होने वाले खतरे बढ़ते जा रहे हैं। साइबर मामलों के एक्सपर्ट सीनियर एडवोकेट विराग गुप्ता कहते हैं, 'एआई से जिस बड़े पैमाने पर साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं बढ़ रही हैं, आर्टिफिशली कंटेंट क्रिएट हो रहा है, यह बहुत बड़ी मुसीबत बनने वाली है। यह प्रलय या बाढ़ जितना गंभीर मसला है, जिसमें सुरक्षा के सारे तंत्र फेल हो जाते हैं। एआई की बाढ़ में लोगों की निजता,कॉपीराइट, ट्रेड मार्क, उनकी अस्मिता सब दांव पर लग गई है। लोगों की निजता, जीवन, प्रफेशन जैसे मौलिक अधिकार ही सुरक्षित नहीं है, तो लोग कहां जाएं? फिर इस एआई जनित व्यवस्था को रेग्युलेट करने के लिए हमारे पास कोई कानून नहीं है, इसलिए लोगों को सीधे आर्टिकल 21 में हाई कोर्ट आना पड़ रहा है।
AI पर उठ रहे सवालउस पर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सेफ हार्बर (जवाबदेही न होना) मिले होने की वजह से एग्जीक्यूशन की चुनौतियां हैं।' वहीं, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के एक्सपर्ट एडवोकेट सुमित नागपाल भी AI को आईपीआर के लिए नई चुनौती मानते हैं। उनका कहना है, 'पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि कोई टेक्नोलोजी किसी अभिनेता की या गायक की आवाज़ या उनके स्टाइल को हूबहू कॉपी कर लेगी, लेकिन अब ये हो रहा है। इसलिए, इन एक्टर्स, गायकों और कलाकारों को सचेत होना पड़ रहा है और ये मुकदमेबाज़ी बढ़ रही है।' जबकि, दिल्ली बार काउंसिल के एक्स चेयरमैन एडवोकेट केके मनन के मुताबिक, 'यह AI पूरे सामाजिक ढांचे के लिए ही खतरा है। सिर्फ एक्टर्स ही नहीं, जिस तरह मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक के आपत्तिजनक विडियो बन रहे हैं, इन पर कानूनी रूप से नकेल कसा जाना बहुत जरूरी है। इसे लेकर जल्द से जल्द कानून बनाया जाना चाहिए।'
क्या होते हैं पर्सनैलिटी राइट्ससंविधान के अनुच्छेद-19 (1) (ए) और 21 के तहत लोगों को निजता, स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार हासिल है। इसके अलावा, आईपीआर कानूनों के तहत कॉपीराइट ऐक्ट (1957), ट्रेडमार्क ऐक्ट (1999) जैसे बौद्धिक अधिकार मिलते हैं। हालांकि, संविधान में अलग से पर्सनैलिटी राइट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। पर्सनैलिटी राइट किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व की रक्षा से जुड़े अधिकार हैं, जो व्यक्ति की पहचान, छवि, नाम, आवाज, शैली और व्यक्तित्व को निजी संपत्ति के रूप में मानती है। चूंकि, मशहूर हस्तियों के व्यक्तित्व के इस्तेमाल से दूसरे व्यावसायिक लाभ उठा सकते हैं, ऐसे में उन्हें अपने निजी अधिकारों को रजिस्टर करने की जरूरत पड़ती है।
मुंबई छोड़कर दिल्ली हाईकोर्ट क्यों आते हैं सितारे?इस मामले में एक दिलचस्प जिज्ञासा यह भी रहती है कि आखिर ये स्टार्स बॉम्बे के बजाय दिल्ली हाई कोर्ट में ही ये केसेज क्यों करते हैं? इस बारे में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स मामलों के एक्सपर्ट एडवोकेट सुमित नागपाल बताते हैं, दिल्ली हाईकोर्ट IP (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) और साइबर मामलों में स्पेशलिस्ट है। यहां फैसले कहीं ज्यादा तेजी से हो जाते हैं। यही वजह है कि अक्षय कुमार को छोड़कर बॉलिवुड के ज्यादारतर पर्सनैलिटी राइट्स केस (रितिक, ऐश्वर्या, अभिषेक, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, अमिताभ बच्चन) यहीं दायर हुए और उन्हें कोर्ट ने फटाफट राहत दी और उनके हक में फैसले देकर उनके पर्सनैलिटी राइट्स को पहचान दी।
मिमिक्री, मीम्स, फैन पेजेज पर असर?बॉलीवुड स्टार्स के अपनी पर्सनैलिटी, आवाज आदि के इस्तेमाल पर कानूनी रोक के फैसले का उनकी नकल उतारकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले कमीडियन, मिमिक्री आर्टिस्ट, मीमर या फैन पेजेज पर क्या असर पड़ेगा? इस पर एडवोकेट विराग गुप्ता बताते हैं, 'यह मिमिक्री, आलोचना, व्यंग्य आदि पर लागू नहीं होगा। बेशक इन एक्टर्स ने उनकी आवाज और स्टाइल के इस्तेमाल पर रोक के लिए कोर्ट से ऑर्डर लिए हैं लेकिन स्वस्थ आलोचना करना या मिमिक्री करना दूसरे व्यक्ति का रचनात्मक अधिकार है। वे कोई फ्रॉड नहीं कर रहे हैं कि मैं बिग बी या अनिल कपूर बोल रहा हूं। वे बता रहे हैं कि भई, मैं उनकी नकल कर रहा हूं तो इस पर रोक नहीं लगा सकते। ये जरूर है कि अगर दूसरा व्यक्ति अपने शो से आर्थिक लाभ कमा रहा है तो ये सिलेब्रिटीज हिस्सा मांग सकते हैं या अगर मिमिक्री आपत्तिजनक है तो उस पर मानहानि का केस कर सकते हैं।' वहीं, सुमित नागपाल का कहना है, 'कॉपीराइट कानून मिमिक्री या फैन पेजेज आदि को फेयर यूज़ की केटेगरी में देखता है। पर्सनैलिटी राइट्स और मिमिक्री में फर्क होता है। मिमिक्री में लोगों को पता होता है कि मिमिक्री हो रही है। कोई धोखेबाजी नहीं हो रही है। इसलिए इन पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।'
ये एक्टर्स अपनी पर्सनैलिटी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कोर्ट का सहारा इसलिए ले रहे हैं कि क्योंकि AI की आमद के बाद से इन सितारों के चेहरे, आवाज और इमेज आदि का दुरुपयोग करके धड़ल्ले से आपत्तिजनक डीपफेक विडियो बनाए जा रहे हैं। इनमें अश्लील विडियोज से लेकर विवादित बयानबाजी वाले कॉन्टेंट शामिल है। यही नहीं, इन एक्टर्स की पॉपुलैरिटी को भुनाते हुए इनके नाम पर तरह-तरह के प्रॉडक्ट बेचे रहे हैं, फर्जी एंडॉर्समेंट किए जा रहे हैं। यहां तक कि लॉटरी और आर्थिक घोटाले तक हो रहे हैं। ऐसे में, ये एक्टर्स अपनी इमेज और साख को सुरक्षित रखने के लिए कानूनी रास्ता अपना रहे हैं।
अक्षय को बना दिया महर्षि वाल्मीकिअक्षय कुमार के मामले का ही उदाहरण लीजिए। हाल ही में यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर उनका एक विडियो वायरल हुआ, जिसमें फेस स्वैप और वॉइस क्लोनिंग से उन्हें महर्षि वाल्मीकि के रूप में दिखाया गया। इस विडियो में वह धार्मिक विवाद भड़काने वाली बयानबाजी कर रहे थे। 24 घंटों में 12 मिलियन से ज्यादा व्यूज बटोरने वाले इस विडियो के चलते कुछ धार्मिक समुदायों में गुस्सा फैलने लगा। तब अक्षय ने तुरंत इंस्टाग्राम के जरिए विडियो को पूरी तरह फर्जी और शर्मनाक बताया। साथ ही, बॉम्बे हाईकोर्ट में पर्सनैलिटी राइट्स उल्लंघन, मानहानि, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए केस कर दिया। कोर्ट ने अक्षय को मामले में राहत दी। साथ ही यह विडियो हटा दिया गया।
ऋतिक के नाम पर फर्जी बिक्रीअक्षय के बाद बॉलिवुड के ग्रीक गॉड रितिक रोशन भी AI के मिसयूज का शिकार हुए। रितिक के नाम, तस्वीरों आदि के इस्तेमाल ने न केवल आपत्तिजनक मीम बनाए जा रहे थे, बल्कि ई-कॉमर्स साइट्स पर उनके चेहरे का इस्तेमाल करते हुए अनाधिकारिक रूप में मर्चेंडाइज आदि बेचा जा रहा था। इसके अलावा, रितिक का चेहरा के इस्तेमाल से अश्लील डीपफेक विडियो भी बनाया गया। इसलिए, रितिक ने भी अपने इमेज और पर्सनैलिटी की सुरक्षा के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में पर्सनैलिटी राइट्स उल्लंघन, मानहानि, साइबर क्राइम, अश्लील कंटेंट आदि के तहत केस दाखिल किया। मामले में कोर्ट ने रितिक को राहत दी। इन प्लैटफॉर्म द्वारा रितिक के वैयक्तिक अधिकारों के दुरुपयोग को जायज माना और ऐसे आपत्तिजनक कॉन्टेंट को हटाने की बात कही। हालांकि, कोर्ट ने आपत्तिनजक पोस्ट न करने वाले फैन पेजेज को हटाने से मना कर दिया।
ऐश्वर्या-अभिषेक की अश्लील लव स्टोरीजइसी तरह, पिछले महीने ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन भी अपने पर्सनैलिटी राइट्स सुरक्षित करने दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे। असल में, उनके चेहरे और आवाज का इस्तेमाल करके अश्लील लव स्टोरीज वाले विडियो बनाए गए थे। एक चैनल पर उनके AI से बने 259 से ज्यादा विडियो थे, जिन्हें 16.5 मिलियन से अधिक व्यूज मिले। इसलिए, इन सितारों ने यूट्यूब और गूगल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में 4 करोड़ रुपये का मुकदमा किया। इनका आरोप था कि ये विडियो न सिर्फ उनकी पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन करते हैं, बल्कि इन्हें अन्य AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट ने इन विडियोज को हटाने और प्लैटफॉर्म को सख्ती बरतने के आदेश दिए। इसके बाद यूट्यूब ने ऐसे सैकड़ों विडियो डिलीट किए।
आशा भोसले, कुमार सानू जैसे दिग्गजों पर भी खतराएक्टर्स ही नहीं, दिग्गज गायकों की सुरीली आवाज भी AI की चपेट में आ चुकी है। अभी हाल ही में लता मंगेशकर की आवाज में फिल्म 'सैयारा' का टाइटल गाना खूब वायरल हुआ। विडियो को 2.7 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले। बहुत से लोगों को लगा कि यह वाकई लता मंगेशकर का गाया कोई पुराना गाना है। इसके बाद, इसी महीने लेजेंड सिंगर आशा भोसले और कुमार सानू ने AI से उनकी आवाज कॉपी करके फर्जी गाने बनाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में केस किया। उनके भी कई ऐसे विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, जिसमें उनकी आवाज का दुरुपयोग किया गया था। कोर्ट ने सारे अनऑथराइज्ड कंटेंट हटाने के आदेश दिए, साथ ही प्लेटफॉर्म्स को AI ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल रोकने को कहा।
बिग बी ने बजाया था डीपफेक के खिलाफ बिगुलपर्सनैलिटी राइट्स और AI के मिसयूज के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले सितारों में बॉलीवुड के महानायक अग्रणी रहे। वह 2022 में अपनी पर्सनैलिटी राइट की सुरक्षा के लिए कोर्ट गए थे, क्योंकि उनके फोटो और आवाज़ का दुरुपयोग करके कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर फर्जी लॉटरी बेचकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। वहीं, एक जूलरी ब्रांड बिना अनुमति उनकी फोटो यूज कर रही है। तब कोर्ट ने उनके नाम, आवाज, फोटो और केबीसी के मशहूर कंप्यूटर जी और लॉक कर दिया जाए जैसे डायलॉग को उनकी परमिशन के बिना इस्तेमाल करने पर रोक लगाई थी। वह बीते साल वह अश्लील और फर्जी प्रोडक्ट प्रमोशन वाले डीपफेक विडियो के खिलाफ कोर्ट गए। उनका यह केस मील का पत्थर साबित हुआ। इस मामले में एक वायरल डीपफेक विडियो में बिग बी का चेहरा पॉर्नोग्राफिक विडियो पर स्वैप था। वहीं, वॉयस क्लोनिंग से उन्हें सेक्शुअल हेल्थ प्रोडक्ट्स प्रमोट करते भी दिखाया गया था। इसमें कोर्ट के आदेश पर सारे कॉन्टेंट हटाए गए। फेसबुक/इंस्टा ने ऐसे अकाउंट्स को सस्पेंड किया। जबकि, आरोपी को गिरफ्तार करके उसकी कंपनी बंद कर दी गई।
राम-लखन ने भी सुरक्षित की अपनी पर्सनैलिटीबिग के बाद बॉलिवुड के राम-लखन यानी जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी अपने पर्सनैलिटी राइट्स सुरक्षित करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे थे। जैकी दादा की फोटो का इस्तेमाल करके उनके नाम से फर्जी टी-शर्ट्स, मग्स, पोस्टर्स बेचे जा रहे थे, जिनकी काफी तादाद में अनऑथराइज्ड सेल्स हुई। वहीं, AI बॉट्स (जैसे Character.AI) में जैकी श्रॉफ की आवाज़, इमेज और निकनेम का इस्तेमाल करके यूजर्स से पैसे ऐंठे जा रहे थे। इसके अलावा, डीपफेक वीडियो में AI से उनका चेहरा/वॉइस स्वैप करके फिटनेस प्रोडक्ट्स के फर्जी एंडोर्समेंट किए जा रहे थे। बाद में, उनके डीपफेक पॉर्न विडियो भी बना डाले। वहीं, अनिल कपूर के चेहरे/आवाज में भी फर्जी विडियो बनाए गए। उनके मशहूर तकिया कलाम 'झक्कास' के साथ फर्जी ऐड्स बनाए गए, जिसे 5 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले। कोर्ट ने इन दोनों के भी हक में फैसला सुनाया।
बहुत बड़ा खतरा है ये AI रूपी विलेनकानून के जानकारों के मुताबिक, जिस तेजी से AI हमारी जिंदगी में घुस रहा है, उतने ही ज्यादा उससे होने वाले खतरे बढ़ते जा रहे हैं। साइबर मामलों के एक्सपर्ट सीनियर एडवोकेट विराग गुप्ता कहते हैं, 'एआई से जिस बड़े पैमाने पर साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं बढ़ रही हैं, आर्टिफिशली कंटेंट क्रिएट हो रहा है, यह बहुत बड़ी मुसीबत बनने वाली है। यह प्रलय या बाढ़ जितना गंभीर मसला है, जिसमें सुरक्षा के सारे तंत्र फेल हो जाते हैं। एआई की बाढ़ में लोगों की निजता,कॉपीराइट, ट्रेड मार्क, उनकी अस्मिता सब दांव पर लग गई है। लोगों की निजता, जीवन, प्रफेशन जैसे मौलिक अधिकार ही सुरक्षित नहीं है, तो लोग कहां जाएं? फिर इस एआई जनित व्यवस्था को रेग्युलेट करने के लिए हमारे पास कोई कानून नहीं है, इसलिए लोगों को सीधे आर्टिकल 21 में हाई कोर्ट आना पड़ रहा है।
AI पर उठ रहे सवालउस पर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सेफ हार्बर (जवाबदेही न होना) मिले होने की वजह से एग्जीक्यूशन की चुनौतियां हैं।' वहीं, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के एक्सपर्ट एडवोकेट सुमित नागपाल भी AI को आईपीआर के लिए नई चुनौती मानते हैं। उनका कहना है, 'पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि कोई टेक्नोलोजी किसी अभिनेता की या गायक की आवाज़ या उनके स्टाइल को हूबहू कॉपी कर लेगी, लेकिन अब ये हो रहा है। इसलिए, इन एक्टर्स, गायकों और कलाकारों को सचेत होना पड़ रहा है और ये मुकदमेबाज़ी बढ़ रही है।' जबकि, दिल्ली बार काउंसिल के एक्स चेयरमैन एडवोकेट केके मनन के मुताबिक, 'यह AI पूरे सामाजिक ढांचे के लिए ही खतरा है। सिर्फ एक्टर्स ही नहीं, जिस तरह मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक के आपत्तिजनक विडियो बन रहे हैं, इन पर कानूनी रूप से नकेल कसा जाना बहुत जरूरी है। इसे लेकर जल्द से जल्द कानून बनाया जाना चाहिए।'
क्या होते हैं पर्सनैलिटी राइट्ससंविधान के अनुच्छेद-19 (1) (ए) और 21 के तहत लोगों को निजता, स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार हासिल है। इसके अलावा, आईपीआर कानूनों के तहत कॉपीराइट ऐक्ट (1957), ट्रेडमार्क ऐक्ट (1999) जैसे बौद्धिक अधिकार मिलते हैं। हालांकि, संविधान में अलग से पर्सनैलिटी राइट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। पर्सनैलिटी राइट किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व की रक्षा से जुड़े अधिकार हैं, जो व्यक्ति की पहचान, छवि, नाम, आवाज, शैली और व्यक्तित्व को निजी संपत्ति के रूप में मानती है। चूंकि, मशहूर हस्तियों के व्यक्तित्व के इस्तेमाल से दूसरे व्यावसायिक लाभ उठा सकते हैं, ऐसे में उन्हें अपने निजी अधिकारों को रजिस्टर करने की जरूरत पड़ती है।
मुंबई छोड़कर दिल्ली हाईकोर्ट क्यों आते हैं सितारे?इस मामले में एक दिलचस्प जिज्ञासा यह भी रहती है कि आखिर ये स्टार्स बॉम्बे के बजाय दिल्ली हाई कोर्ट में ही ये केसेज क्यों करते हैं? इस बारे में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स मामलों के एक्सपर्ट एडवोकेट सुमित नागपाल बताते हैं, दिल्ली हाईकोर्ट IP (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) और साइबर मामलों में स्पेशलिस्ट है। यहां फैसले कहीं ज्यादा तेजी से हो जाते हैं। यही वजह है कि अक्षय कुमार को छोड़कर बॉलिवुड के ज्यादारतर पर्सनैलिटी राइट्स केस (रितिक, ऐश्वर्या, अभिषेक, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, अमिताभ बच्चन) यहीं दायर हुए और उन्हें कोर्ट ने फटाफट राहत दी और उनके हक में फैसले देकर उनके पर्सनैलिटी राइट्स को पहचान दी।
मिमिक्री, मीम्स, फैन पेजेज पर असर?बॉलीवुड स्टार्स के अपनी पर्सनैलिटी, आवाज आदि के इस्तेमाल पर कानूनी रोक के फैसले का उनकी नकल उतारकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले कमीडियन, मिमिक्री आर्टिस्ट, मीमर या फैन पेजेज पर क्या असर पड़ेगा? इस पर एडवोकेट विराग गुप्ता बताते हैं, 'यह मिमिक्री, आलोचना, व्यंग्य आदि पर लागू नहीं होगा। बेशक इन एक्टर्स ने उनकी आवाज और स्टाइल के इस्तेमाल पर रोक के लिए कोर्ट से ऑर्डर लिए हैं लेकिन स्वस्थ आलोचना करना या मिमिक्री करना दूसरे व्यक्ति का रचनात्मक अधिकार है। वे कोई फ्रॉड नहीं कर रहे हैं कि मैं बिग बी या अनिल कपूर बोल रहा हूं। वे बता रहे हैं कि भई, मैं उनकी नकल कर रहा हूं तो इस पर रोक नहीं लगा सकते। ये जरूर है कि अगर दूसरा व्यक्ति अपने शो से आर्थिक लाभ कमा रहा है तो ये सिलेब्रिटीज हिस्सा मांग सकते हैं या अगर मिमिक्री आपत्तिजनक है तो उस पर मानहानि का केस कर सकते हैं।' वहीं, सुमित नागपाल का कहना है, 'कॉपीराइट कानून मिमिक्री या फैन पेजेज आदि को फेयर यूज़ की केटेगरी में देखता है। पर्सनैलिटी राइट्स और मिमिक्री में फर्क होता है। मिमिक्री में लोगों को पता होता है कि मिमिक्री हो रही है। कोई धोखेबाजी नहीं हो रही है। इसलिए इन पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।'
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