नई दिल्ली/लखनऊ: काफिरों का खून आपके लिए हलाल है... वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियो सर्वे का ऑर्डर देने वाले जज को धमकी देने वाली पोस्ट भोपाल के अदनान ने इंस्टाग्राम में की थी। जज की फोटो के ऊपर काफिर लिखा और उन्हें मारने के लिए उकसाया। इस मामले में लखनऊ के गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। यूपी पुलिस ने इसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (UAPA) भी लगाया था। बता दें कि दिल्ली में आईआईआईएस आतंकी अदनान को टीम ने शुक्रवार को गिफ्तार किया है।
इसे 4 जून 2024 को भोपाल से गिरफ्तार किया गया। यूपी पुलिस ने इसे दस दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद इसे 26 सितंबर 2024 को जमानत मिल गई थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जमानत मिलने के बाद वह चरमपंथी सामग्री पोस्ट करने और समान विचारधारा वाले युवकों को भर्ती करने की गतिविधियों में तेजी ले आया। इससे पहले वह 12वीं के बाद ही जिहादी पेज और चैनलों को फॉलो करने लगा था। इसी दौरान आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हो गया। वह करीब सात महीने पहले ही दिल्ली के अदनान के टच में आया था।
आईएसआईएस खलीफा से जुड़ादिल्ली के मोहम्मद अदनान ने पुलिस को बताया कि 2023 में सादिक नगर में सरकारी फ्लैट्स में आने के बाद उसने इंस्टाग्राम पर कट्टरपंथी पेजों को फॉलो करना शुरू किया और एक ग्रुप में शामिल हो गया। शुरुआत में इस ग्रुप में 25-30 मेंबर थे। सीरिया स्थित हैंडलर अबू इब्राहिम अल-कुरैशी ने आईएसआईएस से संबंधित वीडियो, फोटो और पीडीएफ उपलब्ध कराए थे। इन सामग्रियों और संपर्कों से प्रभावित होकर उसने आईएसआईएस खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी, जिसका वीडियो भी बनाया था।
इसे 4 जून 2024 को भोपाल से गिरफ्तार किया गया। यूपी पुलिस ने इसे दस दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद इसे 26 सितंबर 2024 को जमानत मिल गई थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जमानत मिलने के बाद वह चरमपंथी सामग्री पोस्ट करने और समान विचारधारा वाले युवकों को भर्ती करने की गतिविधियों में तेजी ले आया। इससे पहले वह 12वीं के बाद ही जिहादी पेज और चैनलों को फॉलो करने लगा था। इसी दौरान आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हो गया। वह करीब सात महीने पहले ही दिल्ली के अदनान के टच में आया था।
आईएसआईएस खलीफा से जुड़ादिल्ली के मोहम्मद अदनान ने पुलिस को बताया कि 2023 में सादिक नगर में सरकारी फ्लैट्स में आने के बाद उसने इंस्टाग्राम पर कट्टरपंथी पेजों को फॉलो करना शुरू किया और एक ग्रुप में शामिल हो गया। शुरुआत में इस ग्रुप में 25-30 मेंबर थे। सीरिया स्थित हैंडलर अबू इब्राहिम अल-कुरैशी ने आईएसआईएस से संबंधित वीडियो, फोटो और पीडीएफ उपलब्ध कराए थे। इन सामग्रियों और संपर्कों से प्रभावित होकर उसने आईएसआईएस खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी, जिसका वीडियो भी बनाया था।
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