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थार रेगिस्तान में त्रिशूल अभ्यास: रैप्टर ब्रिगेड ने दिखाई ताकत और युद्ध क्षमता, देखें भारतीय सेना के युद्ध कौशल का शानदार प्रदर्शन

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जैसलमेर : थार रेगिस्तान में चल रहे त्रिशूल अभ्यास की गड़गड़ाहट अभी भी गूंज रही है। साउदर्न कमांड के तहत आयोजित इस युद्धाभ्यास में थार रैप्टर ब्रिगेड ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हाई-टैम्पो ऑपरेशन और मैकेनाइज्ड फॉर्मेशन के तालमेल ने मैदान में ऑपरेशनल क्षमता का पराक्रम दिखाया।


संयुक्त युद्धाभ्यास और रियल बैटलफील्ड अनुभव

कोनार्क और सुदर्शन चक्र कॉर्प्स के साथ मिलकर सेना ने MARUJWALA और AKHANDPRAHAAR एक्सरसाइज के दौरान रियल बैटलफील्ड जैसी परिस्थितियों में ऑपरेशन का अभ्यास किया। इस दौरान TACTICS, TECHNIQUES और PROCEDURES (#TTPs) का कड़ा परीक्षण भी किया गया। हवाई निगरानी, रीकॉन ओवरवॉच और विशेष हैलीबोर्न मिशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया।


रैपिड ट्रूप मूव और क्लोज-सपोर्ट कॉम्बैट

रैपिड ट्रूप इंसर्शन और क्लोज-सपोर्ट कॉम्बैट मूव्स ने ऑपरेशनल तालमेल की नई मिसाल पेश की। हेलीकॉप्टर यूनिट्स और बख्तरबंद टुकड़ियों का रियल-टाइम समन्वय भी देखने को मिला। इस अभ्यास में टेक्नोलॉजी और मैनपावर का बेहतरीन संगम हुआ, जिससे "फ्यूचर बैटलस्पेस" की लाइव डेमो दिखाई गई।


रियल-टाइम डेटा लिंक का परीक्षण भी
ट्राय-सर्विसेज फ्रेमवर्क के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना का साझा प्रशिक्षण जारी है। दक्षिणी कमान का संदेश स्पष्ट है- 'हम किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं और रेगिस्तान हमारी ताकत का गवाह है।' कमांडर लेवल पर सुपरविजन और रियल-टाइम डेटा लिंक का परीक्षण भी हो रहा है।


अनुभव और क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा
MARUJWALA और AKHANDPRAHAAR से प्राप्त अनुभव से रेगिस्तानी युद्ध क्षमता में वृद्धि होगी। इस अभ्यास ने संयुक्त फोर्सेज की तालमेल, तत्परता और ऑपरेशनल दक्षता को नया आयाम दिया है। थार रैप्टर ब्रिगेड और अन्य इकाइयों के इस अभ्यास से स्पष्ट हो गया है कि भारत की सशस्त्र सेनाएं हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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