नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक युवराज सिंह को बनाने में उनके पिता योगराज सिंह का रोल काफी अहम रहा है। पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने बेटे युवराज सिंह को दुनिया का महानतम क्रिकेटर बनाने के अपने जुनून और इसके चलते अपने निजी जीवन पर पड़े असर के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस धुन में उन्होंने अपनी पहली पत्नी शबनम पर कड़े नियम थोप दिए थे, जिसके कारण उनका परिवार उनसे दूर हो गया और लोग उन्हें पागल कहने लगे थे।
युवराज पर सख्ती ने बर्बाद कर दिया योगराज सिंह का परिवार
योगराज सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी पर सख्त नियम लागू किए थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके इस सख्त रवैये ने उन्हें अपने परिवार से अलग कर दिया और उनके निजी रिश्तों पर इसका गहरा असर पड़ा। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर उनकी पत्नी युवराज की सेहत को लेकर इतनी चिंतित थीं, तो वह उन्हें छोड़कर जा सकती थीं। योगराज ने बताया कि उनकी मां भी युवराज को लेकर चिंतित थीं और मरने से पहले उन्होंने बच्चे को बख्शने की गुहार लगाई थी।
योगराज सिंह ने अपने सख्त व्यवहार का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने विदेशी स्कूल में पढ़ाई की थी, जहां उन्हें अनुशासन सिखाया गया था और उन्होंने यही अनुशासन दूसरों पर भी थोपा। इसकी शुरुआत उनकी पत्नी से हुई। उन्होंने बताया, 'मेरी पत्नी को मेरी इजाजत के बिना घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। उनके परिवार को मेरे घर में आने की इजाजत नहीं थी और अगर वे आते भी थे, तो उन्हें मुझे सलाह देने की इजाजत नहीं थी।'
बदला लेने की थी भावना
युवराज को एक महान खिलाड़ी बनाने के अपने जुनून के बारे में उन्होंने कहा, 'जब हमारा बेटा हुआ, तो मैंने अपनी मां से कहा कि मेरे अंदर उसे एक महान खिलाड़ी बनाने की आग है। मैंने अपने बेटे के जरिए उन सभी से बदला लेने की कसम खाई थी जिन्होंने मरे साथ गलत किया था, जिनमें कपिल देव भी शामिल थे।' अपने करियर के बारे में पूछे जाने पर, योगराज ने कहा कि उनका अंत असफलता के कारण नहीं, बल्कि उनके साथ हुए अन्याय के कारण हुआ। उन्होंने कहा, 'मेरा तरीका ही एकमात्र तरीका था। अगर मैं कहता हूं कि रात है, तो रात है; अगर मैं कहता हूं कि दिन है, तो दिन है।' उन्होंने माना कि उनका परिवार इसे कमजोरी समझता था, पर उनका मानना है कि इसी ने उन्हें बढ़त दी।
युवराज पर सख्ती ने बर्बाद कर दिया योगराज सिंह का परिवार
योगराज सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी पर सख्त नियम लागू किए थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके इस सख्त रवैये ने उन्हें अपने परिवार से अलग कर दिया और उनके निजी रिश्तों पर इसका गहरा असर पड़ा। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर उनकी पत्नी युवराज की सेहत को लेकर इतनी चिंतित थीं, तो वह उन्हें छोड़कर जा सकती थीं। योगराज ने बताया कि उनकी मां भी युवराज को लेकर चिंतित थीं और मरने से पहले उन्होंने बच्चे को बख्शने की गुहार लगाई थी।
योगराज सिंह ने अपने सख्त व्यवहार का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने विदेशी स्कूल में पढ़ाई की थी, जहां उन्हें अनुशासन सिखाया गया था और उन्होंने यही अनुशासन दूसरों पर भी थोपा। इसकी शुरुआत उनकी पत्नी से हुई। उन्होंने बताया, 'मेरी पत्नी को मेरी इजाजत के बिना घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। उनके परिवार को मेरे घर में आने की इजाजत नहीं थी और अगर वे आते भी थे, तो उन्हें मुझे सलाह देने की इजाजत नहीं थी।'
बदला लेने की थी भावना
युवराज को एक महान खिलाड़ी बनाने के अपने जुनून के बारे में उन्होंने कहा, 'जब हमारा बेटा हुआ, तो मैंने अपनी मां से कहा कि मेरे अंदर उसे एक महान खिलाड़ी बनाने की आग है। मैंने अपने बेटे के जरिए उन सभी से बदला लेने की कसम खाई थी जिन्होंने मरे साथ गलत किया था, जिनमें कपिल देव भी शामिल थे।' अपने करियर के बारे में पूछे जाने पर, योगराज ने कहा कि उनका अंत असफलता के कारण नहीं, बल्कि उनके साथ हुए अन्याय के कारण हुआ। उन्होंने कहा, 'मेरा तरीका ही एकमात्र तरीका था। अगर मैं कहता हूं कि रात है, तो रात है; अगर मैं कहता हूं कि दिन है, तो दिन है।' उन्होंने माना कि उनका परिवार इसे कमजोरी समझता था, पर उनका मानना है कि इसी ने उन्हें बढ़त दी।
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