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दिल्ली मेट्रो की सबसे पुरानी रेड और येलो मेट्रो लाइन पर सिग्नलिंग सिस्टम अब होगा दुरुस्त

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नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो की सबसे पुरानी रेड और येलो लाइन पर सिग्नलिंग सिस्टम को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत DMRC ने एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड (ATIL) के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट किया है। यह 6 साल के लिए होगा और जरूरत पड़ने पर इसे 2 साल और बढ़ाया जा सकेगा।



कॉन्ट्रैक्ट पर किए साइन

DMRC के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य सिग्नलिंग सिस्टम के लिए पर्याप्त मात्रा में पहले से स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराना और मौजूदा डेटा लॉगिंग सुविधा को अपग्रेड करना है। शुक्रवार को DMRC के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. विकास कुमार की मौजूदगी में DMRC के डायरेक्टर (इंफ्रास्ट्रक्चर) मनुज सिंघल और ATIL के डायरेक्टर (कमर्शल) सचिन देओरा ने इस कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए।



क्या है डीएमआरसी का फ्यूचर प्लान ?सबसे पुरानी रेड और येलो लाइन के सिग्नलिंग सिस्टम की डिस्टेंस टु गो तकनीक से शुरू हुआ मामला अब अनअटेंडेडेट ट्रेन ऑपरेटिंग (UTO) सिस्टम चुका है। अब डीएमआरसी स्वदेशी सिग्नलिंग सिस्टम भी तैयार कर रही है, ताकि उपकरणों की उपलब्धता से लेकर रखरखाव तक के मामले में विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हो।



तीसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क

आपको बता दें कि भारत में सबसे बड़े और दुनिया में तीसरे बड़े रेलवे नेटवर्क दिल्ली मेट्रो की स्थापना 1995 में हुई थी। दिल्ली मेट्रो लगभग 286 स्टेशनों के साथ लगभग 390 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र को कवर करती है। वर्तमान में दिल्ली मेट्रो की लाल, पीली, नीली, हरी, बैंगनी, गुलाबी, मैजेंटा, ग्रे और ओरेंज एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइनें हैं।



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