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जम्मू-कश्मीर को राज्य के दर्जे के लिए बीजेपी से हाथ मिलाएंगे उमर अब्दुल्ला ? उन्होंने दिया ये जवाब

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श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा है कि वह इस्तीफा देना पसंद करेंगे, बजाए केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाने के। उनका कहना है कि वह राज्य का दर्जा हासिल करने के लिए किसी राजनीतिक समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने अनंतनाग जिले के अचबल इलाके में एक कार्यक्रम के दौरान यह दावा किया है। बता दें कि एक समय पर उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का भी हिस्सा रह चुकी है।



'किसी भी एमएलए को मुख्यमंत्री बनाइए'

नेशनल कांफ्रेंस नेता और जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है, 'अगर आप तैयार हैं,तो मुझे बताइए...क्योंकि मैं यह व्यापार करने के लिए तैयार नहीं हूं। अगर बीजेपी को सरकार में शामिल करने की आवश्यकता है तो मेरा इस्तीफा कबूल कीजिए। यहां के किसी भी एमएलए को मुख्यमंत्री बनाइए और बीजेपी के साथ सरकार बनाइए।' उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर वे बीजेपी को सरकार में शामिल कर लिए होते तो शायद का दर्जा पहले ही बहाल हो सकता था।



'बीजेपी सरकार में होती तो बन जाता राज्य'

उमर अब्दुल्ला का कहना है, 'क्या हमें बीजेपी को सरकार में शामिल करना चाहिए था? इसकी संभावना थी कि बीजेपी को सरकार में शामिल करने पर हमें उपहार मिल सकता था। वे हमें पहले ही राज्य का दर्जा दे दिए होते।' पिछले साल जम्मू और कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की अगुवाई में सरकार बनने के बाद से गैर-बीजेपी पार्टियां केंद्र शासित प्रदेश को फिर से राज्य बनाने की मांग कर रही हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जम्मू और कश्मीर के लोगों को बार-बार यकीन दिलाया गया है कि यह दर्जा बहाल होना है, लेकिन उचित समय आने पर ही ऐसा हो सकता है।



2019 में राज्य से यूटी बन गया जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर से केंद्र सरकार ने 2019 में आर्टिकल 370 खत्म करने के साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में बदल दिया था। लद्दाख को दूसरा यूटी बनाया गया। लेकिन, संविधान संशोधन में इस बात का प्रावधान रखा गया है कि विधानसभा वाले जम्मू और कश्मीर यूटी को भविष्य में फिर से राज्य बनाया जा सकता है। (पीटीआई इनपुट)

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