बेंगलुरु/दिल्ली : मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े बहुचर्चित जमीन आवंटन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालयने बड़ी कार्रवाई की है। MUDA के पूर्व आयुक्त जीटी दिनेश कुमार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि उन्होंने आयुक्त रहते हुए अवैध रूप से प्लॉट आवंटन किया और इसके बदले भारी रिश्वत ली। इस पूरे मामले की जांच की आंच अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी तक भी पहुंच चुकी है।
विशेष अदालत में पेश किया गया
गिरफ्तारी के बाद बुधवार को दिनेश कुमार को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें नौ दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तारी से पहले ईडी की टीम ने बेंगलुरु स्थित उनके घर पर छापेमारी की और कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अपने कब्जे में लिए। इसके बाद दिनेश कुमार को पूछताछ के लिए ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय ले जाया गया और देर शाम आधिकारिक रूप से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी सूत्रों के अनुसार, दिनेश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान रिश्वत के बदले जमीनों का अवैध आवंटन किया। उन्होंने कई रियल एस्टेट एजेंटों और अन्य प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्लॉट बांटे। माना जा रहा है कि इस खेल में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।
ईडी ने इसी साल की थी बड़ी कार्रवाई
बता दें कि इसी साल जनवरी में ईडी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 300 करोड़ रुपये की बाजार कीमत वाली 142 संपत्तियों को जब्त किया था। ये संपत्तियां कई रियल एस्टेट एजेंटों और दलालों के नाम पर पंजीकृत थीं। ईडी का दावा है कि इन संपत्तियों के तार सीधे सिद्धारमैया और उनके करीबी लोगों से जुड़े हुए हैं। लोकायुक्त पुलिस मैसूर ने पहले ही इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिस पर आधारित होकर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
विशेष अदालत में पेश किया गया
गिरफ्तारी के बाद बुधवार को दिनेश कुमार को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें नौ दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तारी से पहले ईडी की टीम ने बेंगलुरु स्थित उनके घर पर छापेमारी की और कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अपने कब्जे में लिए। इसके बाद दिनेश कुमार को पूछताछ के लिए ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय ले जाया गया और देर शाम आधिकारिक रूप से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी सूत्रों के अनुसार, दिनेश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान रिश्वत के बदले जमीनों का अवैध आवंटन किया। उन्होंने कई रियल एस्टेट एजेंटों और अन्य प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्लॉट बांटे। माना जा रहा है कि इस खेल में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।
ईडी ने इसी साल की थी बड़ी कार्रवाई
बता दें कि इसी साल जनवरी में ईडी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 300 करोड़ रुपये की बाजार कीमत वाली 142 संपत्तियों को जब्त किया था। ये संपत्तियां कई रियल एस्टेट एजेंटों और दलालों के नाम पर पंजीकृत थीं। ईडी का दावा है कि इन संपत्तियों के तार सीधे सिद्धारमैया और उनके करीबी लोगों से जुड़े हुए हैं। लोकायुक्त पुलिस मैसूर ने पहले ही इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिस पर आधारित होकर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
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