पटना: 50 से अधिक फिल्मों और दर्जनों टीवी सीरियल का निर्माण कर चुके अभय सिन्हा को कांस फिल्म फेस्टिवल में नई जिम्मेदारी मिली है। इससे बिहार की फिल्म इंडस्ट्री को एक नया आयाम मिलेगा। वहीं क्षेत्रीय के अलावा भारतीय फिल्म उद्योग का अंतरराष्ट्रीय पटल पर विस्तार होगा। अभय सिन्हा बिहार के रहने वाले हैं। उन्हें कांस फिल्म फेस्टिवल में FIAPF मुख्यालय ASBL का उपाध्यक्ष चुना गया है। यह भारतीय सिनेमा के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) के अध्यक्ष अभय सिन्हा को फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (FIAPF) का उपाध्यक्ष चुना गया है। बिहार का जलवा जानकारी के मुताबिक यह संस्था दुनिया के 30 से ज्यादा देशों के फिल्म निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करती है। अभय सिन्हा का चुनाव 17 मई, 2025 को फ्रांस के कान शहर में FIAPF की वार्षिक आम सभा में हुआ। अभय सिन्हा के नेतृत्व में IMPPA एक मजबूत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय संगठन बन गया है। यह भारत और विदेशों में फिल्म निर्माताओं को मदद कर रहा है। इस फिल्म फेस्टिवल में अभय सिन्हा की मुलाकात बिहार के पर्यटन मंत्री राजू सिंह से भी हुई। अभय सिन्हा सिनेमा जगत में एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया है। खासकर भोजपुरी सिनेमा के लिए उन्होंने बहुत काम किया है। कांस में जलवा अभय सिन्हा ने इस दौरान 'फिल्म स्क्रीनिंग का बदलता प्रतिमान: थिएटर से ओटीटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म और उससे आगे' विषय पर भारत मंडप में हुई एक चर्चा में भी भाग लिया। उन्होंने फिल्म देखने और वितरण के भविष्य पर अपने विचार रखे। IMPAA की स्थापना 1937 में हुई थी। अभय सिन्हा उसके पहले बिहारी अध्यक्ष हैं। अभय सिन्हा भारत के अलावा बिहार की फिल्म नीति को बनाने में भी आगे योगदान देंगे। उन्होंने महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में सब्सिडी सिस्टम को सुधारा है। उन्होंने फिल्म प्रमाणन प्रक्रिया को आसान बनाने और राष्ट्रीय फिल्म निकायों में उद्योग के बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए भी काम किया है। निर्माताओं को फायदा अभय सिन्हा ने इस दौरान फिल्म उद्योग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों को उठाया है। उन्होंने वर्चुअल प्रिंट फीस, प्रदर्शनी संबंधी चुनौतियों और निर्माताओं वितरकों पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए कर सुधारों की बात की है। उन्होंने विदेशी मनोरंजन सामग्री पर अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 100% टैरिफ पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि ऐसे टैरिफ सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भारतीय सिनेमा की पहुंच के लिए खतरा हैं। उन्होंने भारतीय फिल्म निर्माताओं के हितों की रक्षा करने वाली नीतियों का समर्थन किया है। बिहार को फायदा FIAPF के उपाध्यक्ष के रूप में अभय सिन्हा का चुनाव भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह वैश्विक मंच पर भारतीय निर्माताओं की आवाज को और मजबूत करेगा और सहयोग के नए अवसर खोलेगा। FIAPF का उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद अभय सिन्हा ने कहा कि वह भारतीय सिनेमा को दुनिया भर में और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए काम करेंगे। अभय सिन्हा की उपलब्धि बिहार के लिए बहुत गौरव की बात है। बिहार के फिल्म प्रोत्साहन नीति पर इसका खासा असर पड़ेगा। अभय सिन्हा ने फिल्म उद्योग में कई युवाओं को प्रेरित किया है। उन्होंने युवाओं को फिल्म निर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।
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