नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। ऐसे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने इमरजेंसी मीटिंग कर स्थिति की समीक्षा की। आयोग ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के स्टेज-III को लागू करने का निर्णय लिया। खास बात है कि आयोग के इस कदम को पर्यावरण एक्सपर्ट देरी से उठाया कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि ये पाबंदियां कुछ सप्ताह पहले ही लगा देनी चाहिए थीं।
कई मॉनिटर असल में 450+ दिखा रहे AQI
एनवायरनमेंटलिस्ट विमलेंदु झा ने कहा कि आखिरकार, सरकार जाग गई है और उसने GRAP 3 की पाबंदियां लगा दी हैं। उन्होंने कहा कि ये पाबंदियां कुछ हफ़्ते पहले ही लगा देनी चाहिए थीं... कई मॉनिटर असल में 450+ दिखा रहे हैं, जो कि बहुत खराब एयर क्वालिटी कैटेगरी है। झा ने कहा कि कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है... आर्टिफिशियल बारिश नहीं हुई, और अगर होती भी, तो इसकी कोई गारंटी नहीं थी कि इसका लंबे समय तक असर होता। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारें यह समझें कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिर्फ अक्टूबर में या सिर्फ जल्दबाजी में उठाए गए कदमों से नहीं हो सकता।
क्यों खराब हो रही दिल्ली-एनसीआर की हवा?
दिल्ली की हवा में बढ़ते जहर के पीछे कम हवा, स्थिर वातावरण और प्रतिकूल मौसम स्थितियों को मुख्य कारण बताया गया है। मौसम विभाग (आईएमडी) और आईआईटीएम के पूर्वानुमानों में भी हवा की रफ्तार धीमी रहने की संभावना जताई गई है। इस वजह से प्रदूषकों का निचले वातावरण में जमाव बढ़ रहा है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं हुई तो आने वाले दिनों में स्तर और बदतर हो सकता है। इसलिए, प्रशासन और जनता दोनों की भूमिका बेहद अहम है। दिल्ली-एनसीआर में सर्दी की शुरुआत के साथ हर साल प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन इस बार शुरुआती दिनों में ही एक्यूआई का 400 पार करना गंभीर चेतावनी माना जा रहा है।
कई मॉनिटर असल में 450+ दिखा रहे AQI
एनवायरनमेंटलिस्ट विमलेंदु झा ने कहा कि आखिरकार, सरकार जाग गई है और उसने GRAP 3 की पाबंदियां लगा दी हैं। उन्होंने कहा कि ये पाबंदियां कुछ हफ़्ते पहले ही लगा देनी चाहिए थीं... कई मॉनिटर असल में 450+ दिखा रहे हैं, जो कि बहुत खराब एयर क्वालिटी कैटेगरी है। झा ने कहा कि कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है... आर्टिफिशियल बारिश नहीं हुई, और अगर होती भी, तो इसकी कोई गारंटी नहीं थी कि इसका लंबे समय तक असर होता। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारें यह समझें कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिर्फ अक्टूबर में या सिर्फ जल्दबाजी में उठाए गए कदमों से नहीं हो सकता।
#WATCH | Delhi: Environmentalist, Vimlendu Jha says, "Finally, the government woke up and has imposed GRAP 3 restrictions. These restrictions should have been imposed a couple of weeks ago... Many monitors are actually showing 450+, which is a severe air quality category... There… pic.twitter.com/3TTAsTO9gs
— ANI (@ANI) November 11, 2025
क्यों खराब हो रही दिल्ली-एनसीआर की हवा?
दिल्ली की हवा में बढ़ते जहर के पीछे कम हवा, स्थिर वातावरण और प्रतिकूल मौसम स्थितियों को मुख्य कारण बताया गया है। मौसम विभाग (आईएमडी) और आईआईटीएम के पूर्वानुमानों में भी हवा की रफ्तार धीमी रहने की संभावना जताई गई है। इस वजह से प्रदूषकों का निचले वातावरण में जमाव बढ़ रहा है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं हुई तो आने वाले दिनों में स्तर और बदतर हो सकता है। इसलिए, प्रशासन और जनता दोनों की भूमिका बेहद अहम है। दिल्ली-एनसीआर में सर्दी की शुरुआत के साथ हर साल प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन इस बार शुरुआती दिनों में ही एक्यूआई का 400 पार करना गंभीर चेतावनी माना जा रहा है।
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