नई दिल्ली: अगर काम पसंद का हो तो उसे करने में खूब मन लगता है। ठीक उसी प्रकार जैसा 31 साल के विजय प्रताप सिंह कर रहे हैं। विजय का दिल पहाड़ों में बसता था। उन्होंने 23 साल की उम्र में बैंक की अच्छी अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी और ट्रैकिंग कंपनी शुरू की। विजय की कंपनी का नाम AdvenThrill है। यह एडवेंचर ट्रैवल कंपनी है। उनका सालाना कमाई लाखों रुपये में है।विजय उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले के एक गांव के रहने वाले हैं। कक्षा 8 तक की पढ़ाई उन्होंने अपने गांव से ही की। आगे की पढ़ाई के लिए वह साल 2005 में देहरादून चले गए। साल 2012 में उन्होंने देव भूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी से IT में ग्रेजुएशन किया। विजय बताते हैं कि उनका मन पढ़ाई में बहुत ज्यादा नहीं लगता था। उनकी रुचि खेल और प्रकृति में रही। उत्तराखंड में रहने के दौरान उन्हें पहाड़ों से प्यार हो गया था। उन्हें जब भी मौका मिलता था वह जंगलों और पहाड़ों में चले जाते थे। पहाड़ों से रहा कनेक्शनपढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हैदराबाद में HCL के साथ काम करना शुरू कर दिया। लेकिन उन्हें दक्षिणी शहर में रहने में मुश्किल हुई। उन्होंने बताया कि उन्हें खाना और भाषा समझने में दिक्कत होती थी। वह वीकेंड पर जंगलों में घूमने जाते थे। चूंकि उस समय वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में उनकी दिलचस्पी थी। इसलिए वह आसपास के जंगलों में घूमते थे। बाद में उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस में मास्टर डिग्री हासिल की और पुणे में कोटक महिंद्रा बैंक के साथ काम करने लगे। यहां उन्होंने देखा कि बिजनेस कैसे चलता है। विजय बताते हैं, 'मैंने क्लाइंट से बात करके बिजनेस की रणनीतियों, चुनौतियों और मैनेजमेंट के बारे में सीखा।' नौकरी के दौरान भी उन्होंने पहाड़ों से नाता नहीं तोड़ा। वह अपने दोस्तों के साथ हाइकिंग और ट्रैकिंग करते रहते थे। कैसे हुई कंपनी की शुरुआत?हाइकिंग और ट्रैकिंग के दौरान विजय कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे थे। 23 साल की उम्र में उन्होंने नौकरी छोड़ AdvenThrill कंपनी शुरू कर दी। एडवेंचर कंपनी शुरू करना कोई जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं था। इसके पीछे उनका अनुभव और पहाड़ों के लिए प्यार था। विजय बताते हैं, 'नौकरी छोड़ने से पहले मैंने योजना बना ली थी कि कंपनी कैसी होगी और यह कैसे काम करेगी।'विजय बताते हैं कि उनकी टीम में 10 सदस्य हैं। उन्होंने बेसिक और एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स किए हैं। उन्हें सर्च और रेस्क्यू ट्रेनिंग भी मिली है। कुछ लोग फर्स्ट-एड में भी सर्टिफाइड हैं। क्या है कंपनी का काम?विजय बताते हैं कि AdvenThrill एक आउटडोर एडवेंचर प्रोग्राम है। यह कॉलेज के स्टूडेंट्स, नौकरी करने वालों या किसी भी इच्छुक व्यक्ति के लिए ट्रैक आयोजित करता है। इसमें कुछ सीखने वाली एक्टिविटी भी होती हैं। विजय ने अपनी कंपनी को उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट और इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के साथ भी रजिस्टर कराया। 5000 मीटर से ऊपर की यात्राओं के लिए यह जरूरी है। कितनी है कमाई?पिछले आठ सालों में विजय की कंपनी ने लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और नेपाल में ट्रैक आयोजित किए हैं। इससे उन्होंने 10 करोड़ रुपये कमाए हैं। पिछले साल ही उन्होंने 45 लाख रुपये कमाए थे। विजय का कहना है कि वह ज्यादा ट्रैक करने के बजाय अच्छी क्वालिटी पर ध्यान देते हैं। इसलिए हर साल सिर्फ 10 से 20 ट्रैक ही करते हैं।
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