नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि सरकार ने नैशनल पेंशन सिस्टम ( NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए दो और निवेश विकल्पों 'लाइफ साइकल' और 'बैलेंस्ड लाइफ साइकल' को मंजूरी दे दी है। अब केंद्र सरकार के कर्मचारी NPS और UPS के तहत कई निवेश विकल्पों में से इसे चुन सकते हैं।
लाइफ साइकल (LC-25): इस विकल्प में इक्विटी में अधिकतम 25% निवेश किया जा सकता है, जो 35 साल की उम्र से 55 साल की उम्र तक धीरे-धीरे कम होता जाता है।
बैलेंस्ड लाइफ साइकल (BLC): इसमें इक्विटी में निवेश 45 साल की उम्र से कम होना शुरू होता है। इसमें कर्मचारी अगर चाहें तो ज्यादा समय तक इक्विटी में निवेशित रहने का मौका मिलता है।
पहले से मौजूद अन्य विकल्प LC-75: इसमें इक्विटी में अधिकतम 75% निवेश किया जा सकता है, जो 35 साल की उम्र से 55 साल की उम्र तक धीरे-धीरे कम होता है।
LC-50 : यह रिटायरमेंट फंड का अधिकतम 50% हिस्सा इक्विटी में निवेश करने की सीमा तय करता है।
स्कीम G: इसमें 100% निवेश सरकारी सिक्योरिटीज में होता है, जो कम जोखिम वाला विकल्प है।
कर्मचारियों की मांग
यह फैसला केंद्र सरकार के कर्मचारियों की लगातार मांग के बाद लिया गया है, जिसमें वे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की तरह ही निवेश के ज्यादा विकल्प चाहते थे। वित्त मंत्रालय ने कहा कि ये विकल्प रिटायरमेंट प्लानिंग में ज्यादा लचीलापन देने और कर्मचारियों को अपनी पसंद के मुताबिक अपने रिटायरमेंट फंड (corpus) को मैनेज करने की सुविधा देने के लिए बनाए गए हैं।
लाइफ साइकल (LC-25): इस विकल्प में इक्विटी में अधिकतम 25% निवेश किया जा सकता है, जो 35 साल की उम्र से 55 साल की उम्र तक धीरे-धीरे कम होता जाता है।
बैलेंस्ड लाइफ साइकल (BLC): इसमें इक्विटी में निवेश 45 साल की उम्र से कम होना शुरू होता है। इसमें कर्मचारी अगर चाहें तो ज्यादा समय तक इक्विटी में निवेशित रहने का मौका मिलता है।
पहले से मौजूद अन्य विकल्प LC-75: इसमें इक्विटी में अधिकतम 75% निवेश किया जा सकता है, जो 35 साल की उम्र से 55 साल की उम्र तक धीरे-धीरे कम होता है।
LC-50 : यह रिटायरमेंट फंड का अधिकतम 50% हिस्सा इक्विटी में निवेश करने की सीमा तय करता है।
स्कीम G: इसमें 100% निवेश सरकारी सिक्योरिटीज में होता है, जो कम जोखिम वाला विकल्प है।
कर्मचारियों की मांग
यह फैसला केंद्र सरकार के कर्मचारियों की लगातार मांग के बाद लिया गया है, जिसमें वे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की तरह ही निवेश के ज्यादा विकल्प चाहते थे। वित्त मंत्रालय ने कहा कि ये विकल्प रिटायरमेंट प्लानिंग में ज्यादा लचीलापन देने और कर्मचारियों को अपनी पसंद के मुताबिक अपने रिटायरमेंट फंड (corpus) को मैनेज करने की सुविधा देने के लिए बनाए गए हैं।
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