रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ईडी ने दावा किया है कि शराब घोटाले का पैसा कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में भेजा जाता है। ईडी के अनुसार, तीन साल में करीब 960 करोड़ रुपये कांग्रेस भेजे गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चौंकाने वाला खुलासे के बाद राज्य की राजनीति एक बार फिर से तेज हो गई है। डेप्युटी सीएम विजय शर्मा ने कहा यह साबित हो गया है कि राज्य की पिछली सरकार ने घोटाला किया है।
क्या है ईडी का दावा
ईडी के दावे के अनुसार, घोटाले का पैसा कार्टून में भरकर हर महीने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचाया जाता था। बताया जा रहा है कि शराब माफिया ने कांग्रेस कार्यालय में बिग बॉस नाम से सोशल मीडिया में ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में कारोबारी, आईएएस अधिकारी और नेता थे। जहां पैसों को लेकर लेनदेन की बात होती थी। दावा किया गया है कि एक बार में 10 कार्टून कार से पहुंचाए जाते थे। इन पैसों को पार्टी फंड का नाम दिया गया था।
सुनियोजित था घोटाला
ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में हुआ यह शराब घोटाला पूरी तरह सुनियोजित था। इसमें सरकार, संगठन, अधिकारी और कारोबारी सब शामिल थे। जो भी सिंडिकेट का हिस्सा बना, उसे उसका हिस्सा मिला। इसमें सरकार के उच्च पदों पर बैठे लोगों की भी भूमिका की जांच की जा रही है। ईडी ने अब तक 23 लोगों के खिलाफ जांच पूरी कर ली है।
कांग्रेस की सरकार में हुआ घोटाला
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, 2500 करोड़ रुपये से अधिक का कथित घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ उस समय हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। ईडी इस घोटाले में घन शोधन वाले हिस्से की जांच कर रही है। एसीबील और ईओडब्ल्यू ने पिछले साल 17 जनवरी को कथित शराब घोटाले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड सहित 70 व्यक्तियों और कंपनियों को नामजद किया था।
भूपेश बघेल के बेटे भी गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे को भी गिरफ्तार किया है। ईडी ने शराब घोटाले को लेकर भूपेश बघेल के दुर्ग स्थिति आवास पर छापेमारी भी थी। उसके बाद 16 जुलाई को भूपेश बघेल के बेटे को गिरफ्तार किया गया था।
क्या है ईडी का दावा
ईडी के दावे के अनुसार, घोटाले का पैसा कार्टून में भरकर हर महीने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचाया जाता था। बताया जा रहा है कि शराब माफिया ने कांग्रेस कार्यालय में बिग बॉस नाम से सोशल मीडिया में ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में कारोबारी, आईएएस अधिकारी और नेता थे। जहां पैसों को लेकर लेनदेन की बात होती थी। दावा किया गया है कि एक बार में 10 कार्टून कार से पहुंचाए जाते थे। इन पैसों को पार्टी फंड का नाम दिया गया था।
सुनियोजित था घोटाला
ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में हुआ यह शराब घोटाला पूरी तरह सुनियोजित था। इसमें सरकार, संगठन, अधिकारी और कारोबारी सब शामिल थे। जो भी सिंडिकेट का हिस्सा बना, उसे उसका हिस्सा मिला। इसमें सरकार के उच्च पदों पर बैठे लोगों की भी भूमिका की जांच की जा रही है। ईडी ने अब तक 23 लोगों के खिलाफ जांच पूरी कर ली है।
कांग्रेस की सरकार में हुआ घोटाला
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, 2500 करोड़ रुपये से अधिक का कथित घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ उस समय हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। ईडी इस घोटाले में घन शोधन वाले हिस्से की जांच कर रही है। एसीबील और ईओडब्ल्यू ने पिछले साल 17 जनवरी को कथित शराब घोटाले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड सहित 70 व्यक्तियों और कंपनियों को नामजद किया था।
भूपेश बघेल के बेटे भी गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे को भी गिरफ्तार किया है। ईडी ने शराब घोटाले को लेकर भूपेश बघेल के दुर्ग स्थिति आवास पर छापेमारी भी थी। उसके बाद 16 जुलाई को भूपेश बघेल के बेटे को गिरफ्तार किया गया था।
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