OPT Fair Tax Act Impact: अमेरिका में विदेशी छात्रों को तिल-तिलकर तड़पाया जा रहा है। आए दिन छात्रों को परेशान करने के लिए कोई न कोई नया बिल लाने की बात हो रही है। इसी कड़ी में अब अमेरिकी नेताओं के निशाने पर 'ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग' ( OPT) आया है, जिसे अब टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी हो रही है। अगर ऐसा हुआ तो फिर विदेशी छात्रों को OPT पर जॉब करने के दौरान टैक्स भरना पड़ेगा। इस वजह से उनकी कमाई घटेगी, क्योंकि उसका एक हिस्सा टैक्स के तौर पर भरा जाएगा।
दरअसल, अमेरिका में काम करने वाले स्टूडेंट्स जब अपनी डिग्री पूरी कर लेते हैं, तो फिर उन्हें देश में जॉब करने की इजाजत दी जाती है। 'ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग' (OPT) पर स्टूडेंट्स एक साल तक जॉब कर सकते हैं। अगर उन्होंने साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग या मैथ्स (STEM) से जुड़े कोर्सेज की पढ़ाई की है, तो फिर उन्हें STEM OPT के तहत तीन साल तक जॉब की इजाजत है। इस तरह होने वाली कमाई से स्टूडेंट्स अपना एजुकेशन लोन भी भर लेते हैं। लेकिन अब उनकी कमाई घट सकती है।
स्टूडेंट्स को कितना टैक्स देना पड़ सकता है?
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टॉम कॉटन ने 'OPT फेयर टैक्स एक्ट' पेश किया है। इसके तहत OPT पर काम करने वाले स्टूडेंट्स और उनकी कंपनियों पर FICA टैक्स (सोशल सिक्योरिटी + मेडिकेयर) लगाने की बात कही गई है। अभी स्टूडेंट्स और कंपनियों दोनों को ही इस टैक्स से छूट मिली हुई है। इस बिल में कंपनियों को ठीक वैसे ही योगदान देने होंगे, जैसे वे किसी अमेरिकी वर्कर के लिए देती हैं। इसका मतलब है कि दोनों पक्षों को एक समान योगदान देना होगा।
वर्तमान में OPT पर काम कर रहे स्टूडेंट्स और कंपनियों को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता है। अभी सोशल सिक्योरिटी टैक्स 6.2% है, जबकि मेडिकेयर टैक्स 1.45% है। वर्कर और कंपनी दोनों को अपने-अपने हिस्से का सोशल सिक्योरिटी टैक्स और मेडिकेयर टैक्स देना पड़ता है, जो कुल मिलाकर 15.3% होता है। अगर ये बिल पास हो जाता है, तो फिर स्टूडेंट्स की सैलरी में से लगभग 15% पैसा काट लिया जाएगा। इस नियम से सबसे ज्यादा भारतीय छात्र प्रभावित होने वाले हैं, क्योंकि वे OPT पाने में आगे रहते हैं।
दरअसल, अमेरिका में काम करने वाले स्टूडेंट्स जब अपनी डिग्री पूरी कर लेते हैं, तो फिर उन्हें देश में जॉब करने की इजाजत दी जाती है। 'ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग' (OPT) पर स्टूडेंट्स एक साल तक जॉब कर सकते हैं। अगर उन्होंने साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग या मैथ्स (STEM) से जुड़े कोर्सेज की पढ़ाई की है, तो फिर उन्हें STEM OPT के तहत तीन साल तक जॉब की इजाजत है। इस तरह होने वाली कमाई से स्टूडेंट्स अपना एजुकेशन लोन भी भर लेते हैं। लेकिन अब उनकी कमाई घट सकती है।
स्टूडेंट्स को कितना टैक्स देना पड़ सकता है?
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टॉम कॉटन ने 'OPT फेयर टैक्स एक्ट' पेश किया है। इसके तहत OPT पर काम करने वाले स्टूडेंट्स और उनकी कंपनियों पर FICA टैक्स (सोशल सिक्योरिटी + मेडिकेयर) लगाने की बात कही गई है। अभी स्टूडेंट्स और कंपनियों दोनों को ही इस टैक्स से छूट मिली हुई है। इस बिल में कंपनियों को ठीक वैसे ही योगदान देने होंगे, जैसे वे किसी अमेरिकी वर्कर के लिए देती हैं। इसका मतलब है कि दोनों पक्षों को एक समान योगदान देना होगा।
वर्तमान में OPT पर काम कर रहे स्टूडेंट्स और कंपनियों को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता है। अभी सोशल सिक्योरिटी टैक्स 6.2% है, जबकि मेडिकेयर टैक्स 1.45% है। वर्कर और कंपनी दोनों को अपने-अपने हिस्से का सोशल सिक्योरिटी टैक्स और मेडिकेयर टैक्स देना पड़ता है, जो कुल मिलाकर 15.3% होता है। अगर ये बिल पास हो जाता है, तो फिर स्टूडेंट्स की सैलरी में से लगभग 15% पैसा काट लिया जाएगा। इस नियम से सबसे ज्यादा भारतीय छात्र प्रभावित होने वाले हैं, क्योंकि वे OPT पाने में आगे रहते हैं।
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