आजकल शुद्धता और पोषण की बात करें तो बाजार में मिलने वाला पैकेटबंद गेहूं का आटा संदेह के घेरे में आ चुका है। एक ओर जहां ये सुविधा के लिहाज़ से घर-घर में इस्तेमाल हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके नुकसान अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मिलों में पीसा और महीनों तक पैक होकर रखा जाने वाला यह आटा पोषण के नाम पर लगभग ‘खोखला’ होता है, और कई बार सेहत के लिए धीमा ज़हर भी साबित हो सकता है।
कैसे होता है नुकसान?
1. भोजन नहीं, बनता है केवल भरावन
घर में ताजा पिसा हुआ आटा फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। वहीं, पैकेटबंद आटे को महीनों तक स्टोर करने के लिए उसमें से गेहूं की भूसी (Bran) और गेर्म (Germ) को हटा दिया जाता है — जो असल पोषण के स्रोत होते हैं। परिणामस्वरूप आटा केवल स्टार्च (carbohydrate) का स्रोत रह जाता है, जिससे शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है।
2. केमिकल मिलावट का खतरा
बाजार में बिकने वाले कई आटे में ब्लीचिंग एजेंट्स, एंटी-फंगल पाउडर और प्रिज़र्वेटिव्स मिलाए जाते हैं ताकि इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके। ये रसायन लिवर, किडनी और पाचन तंत्र पर दीर्घकालिक दुष्प्रभाव डाल सकते हैं।
3. ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है ज्यादा
पैकेटबंद आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स तुलनात्मक रूप से अधिक होता है, जिससे यह मधुमेह (डायबिटीज़) और मोटापे का खतरा बढ़ा सकता है। यह आटा तेजी से पचता है, जिससे भूख जल्दी लगती है और अधिक खाने की प्रवृत्ति बनती है।
4. फाइबर की कमी
इसमें फाइबर की मात्रा बेहद कम होती है, जिससे कब्ज, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याएं आम हो जाती हैं। वहीं, घर में ताजा पिसे आटे में मौजूद फाइबर पाचन को सुचारु बनाए रखता है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डायटीशियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि पैकेटबंद आटे का नियमित सेवन शरीर की प्राकृतिक चयापचय क्रिया (metabolism) को प्रभावित कर सकता है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से शरीर में सूजन, थकान और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
कैसे पहचानें असली और मिलावटी आटा?
असली आटे का रंग थोड़ा भूरा और दरदरा होता है
उसमें हल्की सी गंध और ताजगी होती है
हाथ में लेने पर वह चिपकता नहीं
पका हुआ रोटी थोड़ी जल्दी सख्त हो जाती है — यह पोषण का संकेत है
क्या है समाधान?
कोशिश करें कि आटा स्थानीय चक्की से ताजा पिसवाएं
साबुत गेहूं लेकर खुद साफ करवा कर पिसवाना सबसे अच्छा उपाय है
आटे में थोड़ी मात्रा में चना, जौ या बाजरे का आटा मिलाएं — इससे पोषण बढ़ेगा और ब्लड शुगर भी संतुलित रहेगा
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