संसद भवन परिसर के सेंट्रल हॉल में बुधवार को इंडिया गठबंधन के नेताओं ने उपराष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया, जहां रेड्डी को सम्मानित किया गया। विपक्षी दलों ने उनकी उम्मीदवारी को एक ऐतिहासिक और लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा, "पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी न्याय के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के लिए निडरता से काम किया और ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए, जिन्होंने हमारे लोकतंत्र को मजबूत किया। यह उपराष्ट्रपति चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए वैचारिक संघर्ष है। जहां सत्तारूढ़ दल ने आरएसएस की विचारधारा को चुना है, वहीं हम संविधान और उसके मूल्यों को अपना मार्गदर्शक मानते हैं।"
Sharing my opening remarks as we felicitate Shri B. Sudershan Reddy as Opposition Party’s Joint Vice-Presidential Candidate —
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 20, 2025
1. It is with great pride and conviction that the Opposition parties present Shri B. Sudershan Reddy as our joint candidate for the office of… pic.twitter.com/JrnbHsHA02
खड़गे ने कहा, "रेड्डी उन शाश्वत मूल्यों का प्रतीक हैं जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को गति दी, जो हमारे संविधान की नींव हैं। जब हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों की निष्पक्षता अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, तब उनकी उम्मीदवारी राज्यसभा के कामकाज में निष्पक्षता, ईमानदारी और गरिमा के पुनर्जनन की प्रतिबद्धता है। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की विश्वसनीयता इस बात पर निर्भर करती है कि संसद एक मजबूत मंच के रूप में कार्य करे, जहां सांसद स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से लोगों की समस्याओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करें।"
At a time when the integrity of our democratic institutions is facing unprecedented challenges, his (Shri B. Sudershan Reddy) nomination stands as a firm commitment to restoring fairness, impartiality, and dignity to the functioning of the Rajya Sabha, which has been in steady… pic.twitter.com/ovH8qRrF36
— Congress (@INCIndia) August 20, 2025
खड़गे ने सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "पिछले 11 सालों में विपक्ष के प्रति सत्ता पक्ष भारी भेदभाव करता रहा है। सत्ता पक्ष खुद संसदीय कार्यों में बाधा डालने का काम करता है। बहुमत का दुरुपयोग कर जन-विरोधी कानून पारित करने का काम तब भी जारी है, जबकि यह अल्पमत की सरकार है। मानसून सत्र में भी पूरे देश ने देखा है कि कैसे मोदी सरकार ने बिना विपक्ष की भागीदारी के मनमाने तरीके से जल्दबाजी में बिलों को पारित किया है। इसमें सभापति की भूमिका भी काफी अहम रही। विपक्षी सांसदों को बोलने न देना, उन्हें बिना कारण निलंबित कर देना, भारतीय संसद के लिए काला अध्याय साबित हुआ।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, "उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। डॉ. एस. राधाकृष्णन के जमाने से जो शानदार परंपराएं राज्यसभा में स्थापित हुई थीं और विपक्ष को वाजिब सम्मान मिलता रहा था, वे सारी परंपराएं अब खंडित हो रही हैं। इस मौके पर मैं दोनों सदनों के सभी सांसदों से यह अपील करना चाहूंगा कि संविधान, संसद और लोकतंत्र की उच्चतम मर्यादाओं को दोबारा स्थापित करने के लिए सभी सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देकर निर्वाचित करें।"
पिछले 11 साल में विपक्ष के प्रति सत्तापक्ष भारी भेदभाव कर रहा है। खुद सत्तापक्ष संसदीय कार्यों में बाधा डालने का काम करता है।
— Congress (@INCIndia) August 20, 2025
बहुमत का दुरुपयोग कर जन-विरोधी क़ानून पारित करने का काम तब भी जारी है, जबकि यह अल्पमत की सरकार है। इस मानसून सत्र में भी पूरे देश ने देखा है कि कैसे… pic.twitter.com/XVoQIK0t0t
स्वागत समारोह में राहुल गांधी ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि वह एक वैकल्पिक दृष्टिकोण, भारत का एक वैकल्पिक विचार प्रस्तुत करे। यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। यह वही ज़िम्मेदारी नहीं है जो 10-15 साल पहले थी क्योंकि तब व्यवस्था लागू थी। अब वह खत्म हो गई है। हमारे पास हर राज्य, हर भाषा और हर संस्कृति के प्रतिनिधि हैं, और हमें अपनी नेतृत्व क्षमता पर गर्व होना चाहिए। हम पूर्व न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी जी का समर्थन कर रहे हैं, और मुझे विश्वास है कि वह एक बेहद मज़बूत चुनाव लड़ेंगे, और देश उस संदेश को देखेगा जो हम देना चाहते हैं।
We have to accept that it's the duty of the Opposition to provide an alternative vision, an alternative idea of India. It's a big responsibility. It's not the same responsibility we had 10-15 years ago because then the system was in place. Now it's gone.
— Congress (@INCIndia) August 20, 2025
We have representatives… pic.twitter.com/uqpJNLK3Qx
राहुल गांधी ने कहा कि न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी के पास दशकों का न्यायिक और कानूनी अनुभव है। संवैधानिक मूल्यों के समर्थक होने के नाते, वे सभी दलों में लोकप्रिय हैं। विशेष रूप से, उन्होंने तेलंगाना जाति जनगणना पर काम किया और तेलंगाना के लिए सामाजिक न्याय का एक दृष्टिकोण तैयार करने में मदद की। मैंने संयोग से उनकी जेब में देखा, और मुझे आश्चर्य हुआ कि उनके पास भारत के संविधान की एक प्रति थी। वे इसे हर जगह साथ रखते हैं। उन्होंने बताया कि वे 52 वर्षों से संविधान अपने साथ रखते हैं और इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी बातचीत में संविधान का ही अंतिम निर्णय होता है। वे एक बुद्धिमान और वैचारिक रूप से एकनिष्ठ व्यक्ति हैं।
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