रामपुर के टांडा क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए शहजाद की गिरफ्तारी महज संयोग नहीं, बल्कि खुफिया एजेंसियों की महीनों की निगरानी और पुख्ता सबूतों का नतीजा है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, शहजाद लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कार्य कर रहा था और भारत-विरोधी गतिविधियों में लिप्त था।
सूत्रों के मुताबिक, सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि वाला शख्स अगर 13 बार विदेश यात्रा करता है, जिनमें 10 बार सऊदी अरब और 3 बार पाकिस्तान जाना शामिल है, तो यह सवाल उठना लाज़मी है कि इसकी वित्तीय व्यवस्था कैसे होती थी। इन्हीं संदेहों को आधार बनाकर सुरक्षा एजेंसियों ने उसके खिलाफ जाँच शुरू की थी।
गोपनीय सूचनाएं साझा करने और आर्थिक मदद का आरोप
जांच में सामने आया है कि शहजाद न सिर्फ खुद पाकिस्तान जाता था, बल्कि वह आईएसआई के इशारे पर भारत में मौजूद एजेंटों तक आर्थिक सहायता और मोबाइल सिम कार्ड भी पहुंचाता था। इसके अलावा, वह कुछ स्थानीय लोगों को भी तस्करी के बहाने पाकिस्तान भेजने में मदद करता था। बताया गया है कि इन लोगों के वीजा और अन्य दस्तावेजों की व्यवस्था भी आईएसआई एजेंटों द्वारा की जाती थी।
सूत्रों के अनुसार, शहजाद ने भारत की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां भी पाक एजेंसी के साथ साझा कीं। इस सिलसिले में रामपुर और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय खुफिया नेटवर्क अब उसके संपर्कों की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है।
स्थानीय स्तर पर पूछताछ और कई नाम रडार पर
शहजाद की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने टांडा में उसके घर और आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। उसकी पत्नी रजिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसका पति निर्दोष है और उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। उनका दावा है कि शहजाद केवल कपड़ों का व्यापार करता था और पाकिस्तान की यात्राएं पारिवारिक रिश्तों की वजह से की गई थीं।
स्थानीय पुलिस ने भी रात में शहजाद के घर पहुंचकर महिलाओं समेत अन्य परिजनों से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि टांडा क्षेत्र में मसाले, कपड़े और कॉस्मेटिक की तस्करी में लिप्त कई अन्य लोग भी अब खुफिया एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गए हैं।
पहले भी उठाया गया था शहजाद
परिजनों ने बताया कि गिरफ्तारी से चार दिन पहले भी एटीएस की टीम शहजाद को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई थी। उस समय कुछ घंटों बाद उसे छोड़ दिया गया था, लेकिन रविवार को दोबारा गिरफ्तारी कर उसे लखनऊ ले जाया गया।
बड़ी तस्वीर: केवल एक गिरफ्तारी नहीं, एक नेटवर्क की जांच
शहजाद की गिरफ्तारी एक अकेला मामला नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे नेटवर्क की कड़ी हो सकती है जो तस्करी की आड़ में देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा रहा है। अब सवाल यह है कि क्या इस पूरे रैकेट में और भी लोग शामिल हैं और क्या उनकी पहचान जल्द हो पाएगी।
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