बीजिंग, 10 अगस्त . चीन के शीत्सांग की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ पर, सहस्राब्दियों पुरानी सभ्यता की विरासत, “प्राचीन नमक और भेड़ मार्ग” को नई ऊर्जा मिल रही है.
ऊंटों और भेड़ों द्वारा ढोए जाने वाले नमक के प्राचीन व्यापार से लेकर आधुनिक उद्योग के फलते-फूलते विकास तक, शीत्सांग के न्गारी क्षेत्र के गेग्ये काउंटी के चाका गांव में नमक उद्योग शीत्सांग के आर्थिक और सामाजिक विकास की उल्लेखनीय उपलब्धियों का साक्षी है.
न्गारी प्रांत के गेग्ये काउंटी के चाका गांव में, उत्तरी शीत्सांग की सबसे बड़ी “च्यांगछांग तीन झीलों” के नमक भंडार, धरती की ओर से एक उपहार हैं, जो चुपचाप हजारों साल की कहानी कह रहे हैं. इस क्षेत्र के निवासियों ने अपनी बुद्धि और लगन से पठार पर एक अनोखी “नमक और भेड़ों की प्राचीन सड़क” बनाई, जिसने नमक की खुशबू दूर-दूर तक फैला दी.
न्गारी क्षेत्र के गेग्ये काउंटी के चाका गांव की सीपीसी समिति के सचिव गोंगज्यू त्सेरिंग के अनुसार, इतिहास में भेड़ों का इस्तेमाल नमक के परिवहन के लिए किया जाता था, प्रत्येक भेड़ लगभग 10 किलोग्राम नमक ढोती थी. हमारे इलाके से नमक पुलान, शिगात्से और फिर भारत, नेपाल और अन्य जगहों पर पहुंचाया जाता था, जहां इसका वस्तु विनिमय के जरिए व्यापार होता था.
आज, चाका गांव के नमक उद्योग ने खनन, प्रसंस्करण और बिक्री सहित एक संपूर्ण औद्योगिक श्रृंखला विकसित कर ली है. फुट थेरेपी नमक और हॉट कंप्रेस नमक जैसे नवीन उत्पाद नमक के मूल्य में निरंतर वृद्धि कर रहे हैं. इस उद्योग के विकास से न केवल प्राचीन नमक संस्कृति का संरक्षण होता है, बल्कि स्थानीय लोगों की आय और संपत्ति में भी वृद्धि होती है.
इस गांव के 2,000 से अधिक ग्रामीणों ने सामूहिक इक्विटी निवेश के माध्यम से इस विकास के लाभों में हिस्सा लिया है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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