New Delhi, 15 अगस्त . स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं के लिए एक बड़ी घोषणा की. उन्होंने बताया कि आज से यानी 15 अगस्त से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू हो रही है, जिसकी कुल लागत 1 लाख करोड़ रुपए होगी. इस योजना का उद्देश्य निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाना और युवाओं को आर्थिक प्रोत्साहन देना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “देश के नौजवानों के लिए बड़ी खबर है. आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू कर दी गई है. इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले बेटे-बेटियों को सरकार की तरफ से 15 हजार रुपए दिए जाएंगे.”
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, जिन कंपनियों द्वारा अधिक रोजगार सृजन किया जाएगा, उन्हें भी सरकार प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि इस योजना से करीब 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज आईटी का युग है, डाटा की ताकत है. क्या यह समय की मांग नहीं है कि ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक, सारी तकनीक हमारी अपनी हो, जिन पर हमारे ही लोगों का सामर्थ्य और नियंत्रण हो.
इससे पहले, ऊर्जा आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अभी भी कई देशों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसके लिए पेट्रोल, डीजल और गैस पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर हम ऊर्जा में आत्मनिर्भर होते, तो ये धन देश के युवाओं और गरीबी दूर करने में लगाया जा सकता था.
उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में सौर ऊर्जा उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, नए बांधों के जरिए हाइड्रो पावर का विस्तार हो रहा है और मिशन ग्रीन हाइड्रोजन के तहत हजारों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है. इसके साथ ही, 10 नए परमाणु रिएक्टर कार्यरत हैं और 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है. इसके लिए प्राइवेट सेक्टर के लिए भी परमाणु ऊर्जा के द्वार खोल दिए गए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमने यह तय किया कि हम 2030 तक हम क्लीन एनर्जी लाएंगे. हम अपने संकल्प को 50 प्रतिशत पूरा कर चुके हैं. बजट का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोल, गैस लाने में खर्च होता है. अगर हम ऊर्जा में निर्भर न होते तो वो धन देश के युवाओं, गरीबी दूर करने के लिए काम आता. अब हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं. हम अब समुद्र मंथन की ओर जा रहे हैं. हम समुद्र के भीतर तेल और गैस भंडार खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं. भारत नया मिशन शुरू करने जा रहा है.
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पीएसके
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