जम्मू, 12 नवंबर . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए भीषण विस्फोट के बाद देश भर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है. विश्व हिंदू परिषद के जम्मू-कश्मीर के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने पूरी घटना के लिए जम्मू-कश्मीर व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि इस पूरे घटनाक्रम में जम्मू-कश्मीर व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा बोर्ड (बीओपीईई) गंभीर संदेह के घेरे में है. एक ऐसे संस्थान में, जो मूल रूप से हिंदुओं के धन से और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए संचालित था, ऐसा प्रतीत होता है कि बड़ी संख्या में प्रवेश, 50 में से 42 या 43 कश्मीरी मुस्लिम उम्मीदवारों को दिए गए, जिससे वे डॉक्टर बन सकें.”
उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद चिंताजनक है और जिस तरह से इसके तार Gujarat, Lucknow, श्रीनगर, फरीदाबाद और अन्य जगहों से जुड़ रहे हैं, उसे देखते हुए मुझे लगता है कि यह एक बड़ा संगठित तंत्र है, जिसे किसी शक्तिशाली व्यक्ति का समर्थन प्राप्त है. यह एक संगठित नेटवर्क है जिसके पारिस्थितिकी तंत्र में लोग अंतर्निहित हैं, और इसे पूरी तरह से ध्वस्त किया जाना चाहिए.
राजेश गुप्ता ने कहा कि इनके साथियों के पास से हथियार और विस्फोटक सामान मिलना इससे पता चलता है कि इसकी कितने पहले से प्लानिंग की गई थी और उसके बाद घटना को अंजाम दिया गया है. मेरी जम्मू-कश्मीर के उपGovernor मनोज सिन्हा से मांग है कि जम्मू-कश्मीर व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा बोर्ड पर तत्काल रोक लगे, जिससे आगे कोई घटना को ये लोग अंजाम न दे पाए.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों से मेरा अनुरोध है कि जम्मू-कश्मीर व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा बोर्ड को संदेह के घेरे में लेकर इसकी जांच की जाए और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. इसमें जम्मू कश्मीर की Government को भी आगे आना चाहिए और कोई सख्त कदम उठाना चाहिए. जांच करने पर बड़े षड्यंत्र का भी खुलासा हो सकता है. इसके साथ ही अभी तो एडमिशन हुआ है, उसको रोका जाए और हर व्यक्ति और इस संस्थान के पैसे की विशेषकर जांच की जाए.
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एसएके/एबीएम
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