Next Story
Newszop

भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर 2026 तक 10.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, पैदा होंगे लाखों रोजगार के अवसर : केंद्र

Send Push

New Delhi, 16 अगस्त . भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर 2026 तक 10.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ तेजी से आगे बढ़ेगा. यह जानकारी Saturday को सरकार की ओर से दी गई.

इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने के सरकार के फैसले से, इस सेक्टर को सड़क और रेलवे की तरह ही सस्ते, दीर्घकालिक फंडिंग तक पहुंच संभव हुई है, जिससे भारत की ग्रोथ स्टोरी में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका और मजबूत हुई है.

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी), पीएम गतिशक्ति, जीएसटी और लॉजिस्टिक्स पार्क जैसी कई सरकारी पहल इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण और लागत में कटौती कर रही हैं.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, “यह सेक्टर 2.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है और लाखों नए रोजगार पैदा कर रहा है. अंतर्देशीय जलमार्गों ने 2024-25 में रिकॉर्ड 14.55 करोड़ टन की माल ढुलाई की है. डिजिटलीकरण और यूलिप जैसे तकनीकी प्लेटफॉर्म आपूर्ति श्रृंखलाओं में दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा दे रहे हैं.”

सरकार ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और डिजिटलीकरण पर सरकार के प्रयासों ने विकास को और तेज किया है, जिससे भारत एशिया में एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है.

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) सितंबर 2022 में शुरू की गई थी, जिससे दक्षता में सुधार और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करके एक अधिक निर्बाध लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाया जा सके. इस सुधार के तहत, यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) और लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) जैसी डिजिटल पहल अब पूरी तरह से चालू हैं, जिनका उद्देश्य व्यापार में आसानी को बढ़ाना और कंटेनरीकृत आयात-निर्यात (एक्जिम) कार्गो की ट्रैकिंग को सक्षम बनाना है.

सरकार ने आगे कहा कि विभिन्न परिवहन साधनों को एक समन्वित नेटवर्क में एकीकृत करने के लिए अक्टूबर 2021 में पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान शुरू किया गया था. पीएम गतिशक्ति ने 57 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक साथ लाया है. इसने 1,700 विशाल डेटा लेयर्स को भी एकीकृत किया है, जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजना के लिए एक वास्तविक एकीकृत और व्यापक मंच तैयार हुआ है.

रेल मंत्रालय वर्तमान में दो समर्पित माल ढुलाई गलियारों (डीएफसी) का विकास कर रहा है, जिसमें लुधियाना से सोननगर (1,337 किमी) तक पूर्व क्षेत्र समर्पित माल ढुलाई गलियारा (ईडीएफसी) और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (जेएनपीटी) से दादरी (1,506 किमी) तक पश्चिमी क्षेत्र समर्पित माल ढुलाई गलियारा (डब्ल्यूडीएफसी) शामिल है.

कुल 2,843 किमी में से, 2741 रूट किलोमीटर (96.4 प्रतिशत) मार्च 2025 तक चालू हो चुके हैं. इन गलियारों से औद्योगिक विकास में तेजी आने और रसद एवं संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने की उम्मीद है.

एबीएस/

Loving Newspoint? Download the app now