मुंबई, 21 मई . भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को निवेशकों को सोशल मीडिया के जरिए स्टॉक मार्केट में बढ़ते फ्रॉड को लेकर सतर्क किया और कहा कि केवल पंजीकृत इकाइयों या ऐप के जरिए ही ट्रेडिंग करें.
सेबी ने अपने बयान में कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ने से जानकारी शेयर करने और जुड़ने का तरीका बदल गया है. कुछ संस्थाएं सोशल मीडिया का इस्तेमाल भोले-भाले निवेशकों को लुभाने और धोखा देने के लिए कर रही हैं.
सेबी ने आगे बताया कि यह देखा गया है कि ऐसी संस्थाएं निवेशकों का विश्वास जीतकर उन्हें अपने ऊपर भरोसा दिलाने के लिए रणनीतियों का उपयोग करती हैं. यह आमतौर पर संभावित ग्राहकों को व्हाट्सएप ग्रुप (जैसे वीआईपी ग्रुप, फ्री ट्रेडिंग कोर्स आदि) में शामिल होने के लिए लिंक के रूप में अनचाहे निमंत्रण भेजती हैं.
बाजार नियामक के मुताबिक, ये संस्थाएं फर्जी प्रोफाइल बनाती हैं, जो उन्हें प्रतिभूति बाजार के विशेषज्ञ के रूप में पेश करती हैं. कई बार ऐसी संस्थाएं सेबी पंजीकृत बिचौलियों, प्रसिद्ध हस्तियों और स्थापित संगठनों के सीईओ/एमडी आदि का नाम इस्तेमाल करती हैं. साथ ही बड़े मुनाफे का वादा करते हुए निवेशकों से पैसे अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करके फ्रॉड करती हैं.
सेबी ने आगे कहा कि निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे असत्यापित लोगों के ऐसे अनचाहे संदेशों पर भरोसा न करें और ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने से बचें.
बाजार नियामक ने आगे कहा कि केवल सेबी पंजीकृत बिचौलियों और ऑथेंटिक ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से ही कारोबार करें. साथ ही कहा कि ट्रेडिंग करने से पहले सेबी की वेबसाइट पर जाकर इन ऐप की प्रमाणिकता चेक करें.
बीते महीने के आखिर में सेबी ने निवेशकों को ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है.
चेतावनी में कहा गया है कि ये प्लेटफॉर्म सेबी के नियामक निरीक्षण के तहत काम नहीं करते और प्रतिभूति कानूनों के तहत निवेशकों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं.
सेबी ने एक सलाह में कहा कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जिन्हें ‘ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ कहा जाता है, यूजर्स को ‘हां या ना’ के इवेंट के परिणामों पर ट्रेड करने की अनुमति देते हैं.
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एबीएस/एबीएम
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