New Delhi, 16 अक्टूबर . राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, India की प्रमुख स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ ने अब तक 45 करोड़ से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया है.
इस रिपोर्ट में आयुष्मान India के दो प्रमुख कार्यक्रमों, Prime Minister जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) और आयुष्मान India डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की उपलब्धियों और प्रगति को विस्तार से बताया गया है. यह रिपोर्ट 2024-25 की है और इसे Madhya Pradesh की राजधानी Bhopal में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान जारी किया गया.
रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे इन योजनाओं ने India की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत किया है और डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. सुनील कुमार बरनवाल ने इस मौके पर कहा, “यह समीक्षा हमारी स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल रूप से बेहतर बनाने और सभी लोगों को समान गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. आयुष्मान India योजना की चार मजबूत शाखाएं हैं, जो अब तक देश के 45 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को फायदा पहुंचा चुकी हैं.”
डॉ. बरनवाल ने आगे कहा, ”अगर इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी और सफल स्वास्थ्य योजना बनानी है, तो इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्वास्थ्य प्राधिकरणों को डिजिटल तकनीक को तेजी से अपनाना होगा और नई तकनीकी नवाचारों को भी शामिल करना होगा. यह ही इस योजना की सफलता की कुंजी है.”
रिपोर्ट के अनुसार, Prime Minister जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत अब तक 9.19 करोड़ से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज कराया गया है, जिनका कुल इलाज का खर्च करीब 1,29,386 करोड़ रुपये है.
इस योजना में देशभर के 30,000 से अधिक अस्पताल जुड़े हैं, जिनमें 55 प्रतिशत Governmentी और 45 प्रतिशत निजी अस्पताल शामिल हैं. इस योजना से मिलने वाले लाभार्थियों में 82 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हैं.
आयुष्मान India योजना के तहत अब तक 40.45 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जो करीब 14.69 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचा रहे हैं. इस कार्ड की मदद से गरीब और जरूरतमंद परिवार बिना किसी आर्थिक चिंता के अस्पताल में इलाज करा सकते हैं.
डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान India डिजिटल मिशन (एबीडीएम) ने भी बड़ी सफलता हासिल की है. इस योजना के तहत अब तक 76.5 करोड़ आयुष्मान India हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) बनाए जा चुके हैं, जिनमें 51.3 करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड जुड़े हैं.
एबीएचए ऐप का तीसरा संस्करण हाल ही में 13 भाषाओं में लॉन्च किया गया है, जिसे अब तक 1.57 करोड़ से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं. रोजाना इस ऐप के माध्यम से 2-3 लाख टोकन बनाए जा रहे हैं, जो दर्शाता है कि आम जनता इस डिजिटल सेवा को अपनाने में काफी सक्रिय है. ऐप में नई सुविधाएं जैसे कि आसान ओपीडी रजिस्ट्रेशन, स्कैन और शेयर करने की सुविधा और डिजिटल भुगतान शामिल किए गए हैं, जिससे अस्पतालों में इलाज कराना सरल हो गया है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत बनाया गया है. अब तक 96 प्रतिशत शिकायतें पूरी तरह से सुलझाई जा चुकी हैं. लाभार्थियों की संतुष्टि का स्तर 95 प्रतिशत है, जिसमें पीएम-जय योजना के तहत 98 प्रतिशत लोगों का अनुभव सकारात्मक रहा है. कॉल सेंटर की सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है, जिसका औसत स्कोर 87 प्रतिशत है.
डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर, किरण गोपाल वास्का ने बताया, ”डिजिटल स्वास्थ्य सेवा केवल एक तकनीकी उपकरण नहीं है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव है. एबीडीएम इंडेक्स के जरिए जवाबदेही और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बदलाव में अगुआई करनी होगी, ताकि डिजिटल स्वास्थ्य को पूरी तरह से अपनाया जा सके.”
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पीके/डीएससी
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